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केंद्र सरकार ने बच्चों को मादक पदार्थ के सेवन से बचाने के लिए  शुरू किया पोर्टल

केंद्र सरकार ने बच्चों को मादक पदार्थ के सेवन से बचाने के लिए  शुरू किया पोर्टल
 

केंद्र सरकार ने बच्चों को मादक पदार्थ के सेवन से बचाने के लिए एक पोर्टल शुरू किया है, जो विद्यालयों के आसपास प्रतिबंधित पदार्थों की बिक्री को रोकने और छात्रों और शिक्षकों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली की सुविधा प्रदान करेगा। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने युवाओं को मादक पदार्थों की समस्या से बचाने तथा विद्यालयों के आसपास ऐसे पदार्थों की बिक्री पर रोक के लिए निगरानी तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से 'प्रहरी पोर्टल' की शुरुआत की है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने इस संबंध में एक राष्ट्रीय समीक्षा और परामर्श बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में संयुक्त कार्य योजना के कामों पर चर्चा की गई जिसका उद्देश्य ह्यनशा मुक्त भारतह्न के दृष्टिकोण के तहत बच्चों में मादक पदार्थों का सेवन और उनकी अवैध तस्करी को रोकना है। इस संयुक्त कार्य योजना का नाम

'नशे के खिलाफ एक युद्ध' दिया गया, जिसका उद्देश्य बच्चों को मादक पदार्थों का सेवन करने से रोकना है। इस व्यापक योजना में सभी हितधारकों, एजेंसियों, कर्तव्यधारकों, अधिकारियों, मीडिया और अभिभावकों को शामिल किया गया है, जिससे वे बच्चों को मादक पदाथों का सेवन करने से बचाने में अपनी भूमिका निभा सकें।

राय ने एनसीपीसीआर और एनसीबी द्वारा शुरू की गई संयुक्त कार्य योजना की प्रशंसा की और नशा मुक्त राष्ट्र के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया।

उन्होंने युवाओं की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि वे + विकसित भारत के भावी नेता हैं। साथ ही वे भारत की कुल जनसंख्या का 59 प्रतिशत हैं। अपने संबोधन के दौरान राय ने नशीले पदार्थों और आतंकवाद के प्रति सरकार की हाजीरो टॉलरेंसह्न (बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने) नीति के बारे में विस्तार से बताया। नित्यानंद राय ने मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और असम राइफल्स को सशक्त बनाने तथा मादक पदार्थों के व्यापार को समाप्त करने के लिए उठाए जा रहे व्यापक उपायों के बारे में भी जानकारी दी।