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Chaitra Month: इस दिन शुरू होगा चैत्र मास, चिंतामण गणेश दूर करेंगे सारी चिंताएं

 

Chaitra Month :  विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भगवान शिव की पूजा के लिए देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं। बाबा महाकाल की पूजा के साथ ही भगवान श्री गणेश की पूजा का भी विशेष महत्व है।

उज्जैन से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चिंतामण गणेण मंदिर में चैत्र माह के हर बुधवार को भक्तों का मेला लगता है और कई किसान अपनी फसल लेकर चिंतामण गणेश के मंदिर पहुंचते हैं। चैत्र मास में मंदिरों में भक्तों का ताता लगा रहता है। इसके लिए मंदिर में तैयारिया चल रही हैं।

इस बार निकलेगी चार जत्रा

इस बार चैत्र मास में चार बुधवार होने से चार जत्रा लगेगी। 27 मार्च को पहली, 3 अप्रैल को दूसरी, 10 अप्रैल को तीसरी तथा 17 अप्रैल को शाही जत्रा होगी। इन चार बुधवार चिंतामण मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा।

चैत्र मास मे जो भी भक्त यहा आकर दर्शन कर लेता है, उसकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सारी चिंताएं दूर होती हैं।

फसल पकने पर चढ़ाने की परंपरा

गणेश गुरु ने बताया कि चैत्र में गेहू-चने की फसल पक जाती है। किसानों के यहां धान के भंडार भर जाते हैं। किसान नया धान बाजार में बेचने से पहले भगवान चिंतामण गणेश के दरबार में चढ़ाने आते हैं।

यह परंपरा पुरानी है, कालांतर में इसने जत्रा का रूप ले लिया है। इसके अलावा अनेक श्रद्धालु मनोकामना के लिए भी जत्रा में शामिल होते हैं।

भगवान राम ने की थी स्थापना

इस मंदिर की बात करें तो राम भगवान भी इस मंदिर मे आये थे। धार्मिक मान्यतानुसार, इस गणेश मंदिर में भगवान चिंतामण गणेश की स्थापना भगवान राम ने वनवास से लौटने के बाद की थी। वहीं इच्छामन और सिद्धिविनायक गणेश की स्थापना लक्ष्मण जी और सीता माता ने की थी।

ऐसा मान्यता है कि जो भक्त चैत्र माह के बुधवार के दिन चिंतामण गणेश मंदिर में दर्शन पूजन करता है। भगवान गणेश उसकी सभी मनोकामना पूरी कर देते हैं। साथ ही उसे सभी प्रकार के चिंता से मुक्त कर देते हैं।