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Dog Bite: कुत्ते के काटने पर भूलकर भी न करें ये 4 काम, वरना जा सकती है जान

देश में आज कल आवारे कुत्ते बहुत हो गए। बहुत से आवारा कुत्ते सड़क पर आते-जाते इंसानों को काट लेते है। क्या आप लोग जानते है कि कुत्ते के काटने पर भूलकर भी ये गलतियां कभी न करें।
 

Dog Bite : हाल ही में ऐसे कई केस आए हैं जब लिफ्ट में पहले से बैठे कुत्‍ते ने बच्‍चे को काट लिया, या पार्क में बैठे बुजुर्ग को कुत्‍तों ने फफेड़ दिया, या फिर पालतू कुत्‍ते ने ही मालिक पर हमला कर घायल कर दिया.

हालांकि डॉग बाइट के इन केसों के अलावा एक सबसे बड़ी समस्‍या ये भी है कि कुत्‍ता काटने के बाद मरीज को सही तरह से फर्स्‍ट एड नहीं मिल पाता. अस्‍पतालों में ऐसे कई मरीज अक्‍सर आते हैं जो कुत्‍ते के काटने वाली जगह पर खुद ट्रीटमेंट करके आए होते हैं.

कोई घाव में हल्‍दी भर लाता है तो कोई लाल मिर्च पाउडर, कुछ लोग घाव पर मोटी पट्टी बांधकर आते हैं, जिसकी वजह से कुत्‍ते की लार का वायरस कम होने के बजाय मरीज के शरीर के अंदर टिश्‍यूज और ब्‍लड तक पहुंचने लगता है.

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल डिविजन और जूनोसिस डिजीज प्रोग्राम की ओर से नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम गाइडलाइंस के अनुसार कुत्‍तों का काटना 100 फीसदी घातक है. अगर पीड़‍ित को सही समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिलता है तो उसकी मौत होनी तय है.

डॉग बाइटिंग को लेकर अक्‍सर ही लापरवाही देखने को मिलती है. जिसकी वजह से हर साल बहुत सारे लोगों की मौत हो जाती है. इसलिए लोगों को कुत्‍ते के काटने के बाद ये 4 काम बिल्‍कुल नहीं करने चाहिए. ऐसा करने से मौतों को रोका जा सकता है.

1. घाव के साथ न करें ये काम

नेशनल गाइडलाइंस कहती हैं कि कभी भी कुत्‍ता काट जाए और खरोंच आए या घाव हो जाए तो उसे हाथों से न छूएं. उसे पानी से धोते समय भी हाथ न लगाएं, बल्कि सीधी पानी की तेज धार से धोएं.

2. न मानें किसी की सलाह

बहुत सारे लोग कुत्‍ता काटे के जहर को कम करने के लिए घाव पर कुछ इरिटेंट जैसे नमक, हल्‍दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, नीबू, खड़‍िया या मिट्टी लगाने की सलाह देते हैं. ऐसी किसी भी सलाह को बिल्‍कुल न मानें.

अस्‍पतालों में आने वाले कुछ लोग पीपल के पत्‍ते से भी घाव को ढककर आते हैं लेकिन ये सभी चीजें खराब हैं. कुत्‍ता काटे के घाव पर कोई पट्टी भी न बांधें, उसे खुला ही छोड़ दें.

3. खाने में न दें ये सब्जियां

कुत्‍ता काट जाए तो मरीज को कुछ चीजों का परहेज भी करने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए किया जाता है क्‍योंकि रेबीज के वायरस को बढ़ने में ये चीजें साथ देती हैं. कुछ सब्जियां जैसे आलू, टमाटर, धनिया आदि मरीज को खाने के लिए न दें.

इसके अलावा तला भुना या मिर्च मसालेदार चीजें जैसे चिप्‍स, पापड़, अचार, बाहर के जंक फूड आदि कोई भी चीज मरीज को न खाने के लिए दें. इनसे मरीज में चिड़चिड़ापन बढ़ता है.

4. नॉनवेज से बना लें दूरी

डॉक्‍टरों की मानें तो कुत्‍ते के द्वारा काटे गए पीड़‍ित को मीट या चिकन आदि नॉनवेज चीजें खाने के लिए न दें. उसे साधारण दाल और रोटी ही दें. नॉनवेज भी रेबीज से बचाव में नुकसानदेह है.

क्‍या कहते हैं आंकड़े

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल 60-70 लाख एनिमल बाइट्स के केस आते हैं. इनमें 95 फीसदी मामले डॉग बाइट के होते हैं. जबकि सिर्फ दो फीसदी बिल्‍ली के और बाकी बचे हुए बंदर, खरगोश आदि के होते हैं.