Drone Didi Scheme: सरकार ने महिला किसनों के लिए शुरू की ये खास योजना, आय में होगी इतनी बढ़ोत्तरी
Drone Didi Scheme : हाल ही में केन्द्र सरकार ने महिलाओं के लिए एक खास योजना शुरू की है। इस योजना से महिला किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी और ये योजना अगले माह से शुरू हो जाएगी। सरकार महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबरी का अवसर प्रदान करने की कोशिश कर रही है।
सेना से लेकर खेती करने तक कहीं भी महिलाएं पीछे नहीं हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार महिला किसानों के लिए खास योजना लेकर आयी है। इस योजना से 800000 रुपये का सीधा फायदा होगा। इसके अलावा आय में बढ़ोत्तरी अलग से होगी। योजना की प्रकिया अगले माह से शुरू हो जाएगी।
केन्द्र सरकार ने महिला किसानों यानी सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) के लिए नमो ड्रोन दीदी योजना शुरू की है। इस योजना का लाभ वित्तीय वर्ष 2024-25 से मिलेगा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय योजना की प्रक्रिया अगले माह से शुरू कर रहा है।
ये है योजना
देशभर के 14500 महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) को ड्रोन दिया जाएगा, जिसका इस्तेमाल खेती में कर आय बढ़ा सकेंगी। यह केन्द्र सरकार की योजना है और इसमें सरकार 80 फीसदी सब्सिडी देगी। बचे हुए बीच 20 फीसदी पर लोन दिया जाएगा। इस लोन में भी एक और फायदा है। ब्याज में 3 फीसदी की छूट अलग से दी जाएगी।
ड्रोन पैकेज की संभावित कीमत 10 लाख रुपये
कृषि मंत्रालय के अनुसार एक ड्रोन पैकेज की संभावित कीमत 10 लाख रुपये के करीब होगी। इस तरह 10 लाख के ड्रोन में एसएचजी को आठ लाख की सब्सिडी मिलेगी। दो लाख का रुपये का लोन किया जाएगा। मौजूदा समय देशभर में करीब 10 करोड़ महिलाएं एसएचजी का हिस्सा हैं।
ये होगा एक पैकेज में
इस पैकेज में ड्रोन, चार अतिरिक्त बैट्री, चार्जिंग हब, चार्ज करने के लिए जेनसेट और ड्रोन बाक्स होगा। वहीं ड्रोन उड़ाने वाली महिला को ड्रोन पायलट को डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव के लिए एक और महिला को को-पायलट की ट्रेनिंग दी जाएगी।
यह 15 दिन की ट्रेनिंग इसी पैकेज में शामिल होगी। इसमें महिलाओं को ड्रोन का इस्तेमाल करके अलग-अलग कृषि कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस योजना के तहत दिए जाने वाले ड्रोन का इस्तेमाल नैनो फर्टिलाइजर और कीटनाशक के छिड़काव में इस्तेमाल किया जाएगा।
कमेटी करेगी एसएचजी का चयन
देशभर में 14500 एसएचजी का चयन करना है। इसका चयन राजय कमेटी करेगी। इस कमेटी में आईएआरआई के वैज्ञानिक शामिल होंगे। इस योजना को लागू करने में देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) की मदद ली जाएगी।
इस योजना के तहत पहला काम तहत ड्रोन उड़ाने वाले क्लस्टरों की पहचान की जाएगी, जो अगले माह से शुरू हो जाएगा।