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Education Loan : लोन लेते समय इन बातों का रखें खास ध्यान,  वरना हो सकता है भारी नुकसान 

 

Education Loan : हर माता-पिता का सपना होता है कि वो अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा कर बड़ा अफसर बनाएं। लेकिन आज के समय में बच्चों को पढ़ाने में बहुत पैसे खर्च होते है। कई माता-पिता अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए किसी न किसी बैंक से लोन लेते है।

लोन की मदद से बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठा सकते है। बैंक से लोन लेने के बाद उसे चुकाना बहुत कठिन हो जाता है। अगर आप भी किसी बैंक से पढ़ाई के लिए लोन लेते है तो इन बातों का खास ध्यान रखें। 

लोन राशि का सोच-समझकर निर्धारण

सबसे पहले आपको ये तय करना होगा कि बच्चे को कौन सा कोर्स करवाएं। हर किसी कोर्स में फीस, हॉस्‍टल या रहने का खर्च, किताबों में बहुत पैसा खर्च होता है। लोन को अप्लाई करने से पहले सभी खर्चों को अच्छे से जोड़ लें और फिर बैंक में जाकर लोन के लिए अप्लाई करें। 

री-पेमेंट अवधि का सही चुनाव

इसके बाद जरूरी है कि लोन को चुकाने के लिए EMI भरने के लिए 15 साल का रीपेमेंट पीरियड मिलता है। बता दें कि लोन लेने के बाद तभी ब्याज शुरू हो जाता है। 

ब्‍याज की जानकारी

लोन लेते वक्त ब्याज के दरों के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें। एजुकेशन लोन ब्‍याज दर कोर्स, संस्‍थान, पिछले एकेडमिक परफॉरमेंस, छात्र/को-एप्लीकेंट के क्रेडिट स्कोर और सिक्योरिटी जैसी बातों पर निर्भर करती है।