हरियाणा मे किसानों के लिए गुड न्यूज, इस तारीख से सरसों और गेहूं की होगी खरीद, बनाए गए सेंटर, जाने
Haryana News: हरियाणा प्रदेश में अक्षर हम देखते हैं कि गांव में ज्यादातर किसान व कम पढ़े-लिखे लोग इंटरनेट की समझ ना होने के कारण या तो फार्म सही से नहीं भर पाते या उन्हें इन योजनाओं का पता ही नहीं चल पाता। ऐसे लोग अक्सर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं।
अब हरियाणा सरकार ने इन कम पढ़े-लिखे या इंटरनेट की जानकारी न रखने वाले लोगों को सहूलियत मुहैया करते हुए हेल्प डेस्क देने की घोषणा की है। दरअसल, ये लोग आवेदन में कई तरह की त्रुटियों या सरकारी योजनाओं की सही से जानकारी न होनेकी वजह से सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ से वंचित रह जाते हैं।
अब हरियाणा सरकार ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए उनकी समस्याओं को कम करने हेतु अटल सेवा केंद्रों पर हेल्प डेस्क बनाने की घोषणा की है। इस हेल्प डेस्क पर इंटरनेट की जानकारी रखने वाला एक कर्मचारी मौजूद रहेगा। आपको बता दें कि सरकार ने हाल ही में 3400 कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्तियां की हैं। सरकार अब इन कंप्यूटर ऑपरेटर को हेल्प डेस्क का काम सौंपने जा रही है।
ये कंप्यूटर ऑपरेटर लोगों के फार्म भरवाने में मदद करने के साथ-साथ उन फार्म की जांच भी करेगा। यह कर्मचारी फार्म में त्रुटि पाए जाने पर उनमें सुधार कर फार्म के साथ अपलोड किए जाने वाले सभी दस्तावेज की जांच भी करेगा। आवेदन फार्म में संपूर्ण त्रुटियों को दूर करने के बाद उसे सरकारी योजना के लाभ के लिए पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। यह सेवा नौकरियों के लिए किए जाने वाले आवेदन को में भी दी जाएगी।
सरकारी योजना की शुरुआत बड़े गांव से करेगी
हरियाणा सरकार इस योजना की शुरुआत सर्वप्रथम बड़े गांव के अटल सेवा केंद्रों में हेल्प डेस्क देने के साथ करेगी। इसके बाद इस योजना का विस्तार छोटे गांव में भी किया जाएगा। वर्तमान में गांव में बहुत से आवेदन सही ढंग ना भरने और आवेदन फार्मों में दस्तावेज सही तरीके से ना लगाने के कारण रद्द हो जाते हैं।
आवेदन फार्म सही तरीके से न बनने के कारण आवेदक सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाता है। लोगों की इस तरह की इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने अटल सेवा केंद्रों में एक अलग से हेल्प डेस्क बनाने का निर्णय लिया है। पहले चरण में यह योजना गांव में लागू की जाएगी और फिर शहरों को लिया जाएगा।
अटल सेवा केंद्रों में बनाई गई इस डेस्क से आसपास के छोटे गांवों को जोड़ने की योजना भी बनाई जाएगी। ज्ञात हो कि यह प्रक्रिया पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के शासन के दौरान आरंभ हुई थी जिसे अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी धरातल पर उतारने वाले हैं। मुख्यमंत्री के सचिव वी उमाशंकर इस योजना को अमलीजामा पहनाने में लगे हुए हैं।
इस योजना को अमली जामा पहनाने हेतु प्रदेश सरकार ने पंचायतों के लिए 3400 के लगभग कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्तियां की हैं। वहीं इसके साथ-साथ शहरों में भी करीब 800 कंप्यूटर ऑपरेटर रखने की सरकार योजना बना रही है। इस योजना के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को आर्थिक धोखाधड़ी से बचाना और फार्म भरने में सहयोग करना है।
इस सहायता के लिए आवेदक को लगभग 10 से 20 रुपये प्रति फार्म भुगतान करना होगा। इस राशि का अभी अंतिम रूप से तय होनी बाकी है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर ने जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रक्रिया जल्दी ही लागू होने की संभावना है।