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GST Registration: बिजनेस करने के लिए जरूरी है GST रजिस्ट्रेशन, ऐसे करें अप्लाई 

आप सभी को पता है कि हमें सरकार को हर चीज का टैक्स देना पड़ता है। देश में बहुत से ऐसे लोग है सरकार को टैक्स देते है। क्या आप लोग जानते है कि किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए GST रजिस्ट्रेशन करवाना क्यों जरूरी है। 
 

GST Registration : बिजनेस के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन (GST Registration) का एक खास नियम है। इस नियम के तहत बिजनेस करने वाले व्यक्ति को जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना होता है।

आज हम आपको हमारी इस खास रिपोर्ट में एक CA द्वारा बताएंगे कि अगर आप अपना खुद का बिजनेस खोलना चाहते हैं, तो उसमें GST रजिस्ट्रेशन में कितना समय लगता है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है।

आप बिजनेस किस चीज का करना चाह रहे हैं। शुरुआत में ही GST रजिस्ट्रेशन की कोई आवश्यकता नहीं है। सरकार ने कुछ छूट दे रखी है, जिसमें अगर आप 20 लाख के अंदर काम करते हैं, तो उसमें आपको छूट मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जब इसके ऊपर आपकी इनकम होने लगेगी, तो उसके बाद अपना GST रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।

GST रजिस्ट्रेशन का ऑनलाइन प्रक्रिया

जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन प्रोसेस होता है, जिसके लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है। एक बार अगर आपने GST रजिस्ट्रेशन अप्लाई कर दिया, उसके बाद एक TRN नंबर मिल जाता है, जिसे टेम्परेरी रेफरेंस नंबर भी कहा जाता है।

जिसके बाद आपको पता लग जाता है, कि आपका GST नंबर किसको असाइन हुआ है। उन्होंने बताया कि इसके बाद आपको अप्रूवल आ जाएगा। अगर आपके डॉक्यूमेंट में कोई भी समस्या नहीं आती है, तो आपका GST रजिस्ट्रेशन 7-10 दिनों में हो जाएगा और अगर कोई समस्या आई तो उस केस में 15-20 दिन लग सकते हैं।

उन्होंने इसके चार्ज के बारे में बताया कि कोई भी CA 2500 से लेकर 5000 में आपका GST रजिस्ट्रेशन करवा देगा और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए चार्ज 10,000 तक जाता है।

रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स 

मालिक (मालिकों) की पासपोर्ट साइज तस्वीर

कंपनी का पैन कार्ड

पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पासपोर्ट, या ड्राइविंग लाइसेंस)

एलएलपी, ओपीसी और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के लिए एसोसिएशन का प्रमाण पत्र

बैंक विवरण (बैंक विवरण, पासबुक या रद्द किए गए चेक)

यदि यह एक पार्टनरशिप फर्म है तो पार्टनरशिप डीड

क्यों जरूरी है जीएसटी रजिस्ट्रेशन

जीएसटी ने पहले के तमाम टैक्स की जगह ली है। पहले अलग-अलग प्रकार के टैक्स लगते थे, जिन्हें जीएसटी में समेट दिया गया है। अगर आपका सालाना टर्नओवर 40 लाख, कुछ स्थिति में 20 लाख से अधिक है तो आप जीएसटी की नजर में टैक्सपेयर हैं।

इसके लिए आपको अपने बिजनेस में टैक्स चुकाना पड़ता है। इस टैक्स को चुकाने के लिए ही रजिस्ट्रेशन कराना होता है। अगर बिना रजिस्ट्रेशन आप बिजनेस करते हैं तो यह एक अपराध है, जिसके पकड़े जाने पर आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन भी बहुत जरूरी

अगर कोई भी अपना नया स्टार्टअप शुरू करता है, तो उसके लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन ज़रूरी होता है। ताकि मार्केट में कोई भी आपका नाम या आपके नाम से मिलता जुलता नाम कॉपी न कर सके, जिसकी गवर्नमेंट फीस 4500 रुपये होती है और नॉन प्रोपराइटर फीस 9000 रुपये है और फ़ाइलिंग चार्ज 1500 रुपये है।