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Holi Festival 2024 : ये है हिरण्यकश्यप की राजधानी, यहां से हुई थी होली की शुरुआत

आप लोगों ने भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद की कथा तो जरूर सुनी होगी। क्या आप जानते है कि जहां हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने भक्त प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गई थी और जल गई थी। इसी कस्बा एरच से होली की शुरुआत हुई थी। 
 

Holi Festival 2024 :  5 दिनों तक चलने वाले एरच होली महोत्सव 2024 के अंतर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आगाज 21 मार्च यानि आज से होगा। इस आयोजन में स्थानीय सामाजिक संगठनों के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार का पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाता है।

एरच को होली पर्व का उद्गम स्थल माना जाता है। बताया जाता है कि एरच हिरण्यकश्यप की राजधानी थी। मान्यता है कि इसी महल के पास हिरण्यकश्यप की बहन होलिका भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गई थी और जल गई थी।

कस्बा एरच से होली की शुरुआत हुई थी, जिसे यहां फाग कहा जाता है।  कस्बे में भगवान नरसिंह का प्राचीन मंदिर है, जिसमें नरसिंह भगवान की मूर्तियां हैं। एरच के प्राचीन मंदिरों को देखने के लिए प्रतिवर्ष लाखों लोग यहां पहुंचते हैं। 

5 दिनों तक होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम

चौथे दिन 24 मार्च को दिवारी नृत्य, लोकगीत, आल्हा भजन गायन, सम्मान समारोह और श्री भक्त प्रह्लाद लीला मंचन आयोजित होगा। पांचवे दिन 25 मार्च को ग्रामीण फाग गायन, राई नृत्य, सम्मान समारोह और बेतवा जी की महाआरती का आयोजन होगा। 

ये कार्यक्रम होंगे आकर्षण का केंद्र

होली एरच महोत्सव में आज शोभायात्रा, महोत्सव शुभारंभ, स्मारिका विमोचन, बुंदेली भजन संध्या। दूसरे दिन 22 मार्च को बुंदेली संस्कृति पर परंपरागत प्रतियोगिताएं, जादू करतब, विजेता प्रतिभागियों का सम्मान, आल्हा गायन और ख्याल गायन, राई नृत्य, लाला हरदौल नाटक का मंचन और कवि सम्मेलन का आयोजन होगा।

तीसरे दिन 23 मार्च को खेलकूद प्रतियोगिताएं, लोकगीत गायन, प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण, बुंदेली व्यंजन प्रतियोगिता, गोट गायन, कछियायी, ढिमरयाई और शास्त्रीय गायन के कार्यक्रम आयोजित होंगे।