Leh-Manali National Highway : देश के इस राज्य में बन रहा है 427 किलोमीटर लंबा हाईवे, फिर शुरू हुआ रास्ता जोड़ने का काम
हाल ही में केन्द्र सरकार ने देशवासियों को बड़ी खुशखबरी दी हा। बताया जा रहा है कि 6 महीने बंद रहने वाले लेह-मनाली नेशनल हाईवे को खोला जा रहा है। जिसके लिए इस हाईवे पर काम भी शुरू कर दिा गया है।
Leh-Manali National Highway : साल के 6 महीने बंद रहने वाले लेह-मनाली नेशनल हाईवे को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। बीआरओ के टॉप इंजीनियर्स की टीम बर्फ हटाने के काम में लग गई है, जो मई के पहले सप्ताह तक पूरा कर लिया जाएगा।
इसके बाद लद्दाख देश के अन्य हिस्सों से दोबारा जुड़ जाएगा। लेह-मनाली हाईवे हिमाचल प्रदेश के मनाली से निकलकर लद्दाख में लेह तक जाता है। सर्दियों के दौरान 427 किलोमीटर का हाईवे पूरी तरह बर्फ में दब जाता है।
नेशनल हाईवे 3 सर्दियों में भयंकर बर्फबारी और हिमस्खलन से खतरनाक हो जाता है। लिहाजा इस पर आवाजाही रोक दी जाती है। हर साल सर्दियों में बर्फबारी का दौर खत्म होने के बाद बीआरओ की टीम प्रोजेक्ट हिमांक लांच करती है।
इसका मकसद बर्फ की कई फीट मोटी परत को हटाकर रास्ता साफ करना होता है, ताकि सुरक्षा बल और आम आदमी इसका इस्तेमाल कर सके। देश की सबसे खूबसूरत सड़कों में शुमार इस रास्ते पर चलने का आम आदमी को भी इंतजार रहता है।
लेह-मनाली राजमार्ग न सिर्फ सैलानियों के लिए बेस्ट टूरिस्ट और एडवेंचर ट्रिप है, बल्कि यह सुरक्षा बलों के साथ लद्दाख के लोगों तक दवा, मेडिकल इमरजेंसी सहित अन्य जरूरी सामाना पहुंचाने का रास्ता भी है।
इस राजमार्ग के जरिये ही लद्दाख को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ा जाता है। ऐसे में बर्फबारी की वजह से रास्ता बंद हो जाता है। बर्फ हटाने के लिए बीआरओ ने हाईली स्किल्ड इंजीनियर्स की टीम उतारी है। इसके साथ बर्फ हटाने वाली एडवांस मशीनों को भी लगाया गया है।
इन सब व्यवस्थाओं के बीच 17 हजार फीट की ऊंचाई पर सैकड़ों किलोमीटर तक बर्फ हटाना आसान काम नहीं होगा। ऐसा भी नहीं है कि अब तापमान सुधर गया है। इस हाईवे पर कुछ जगह अब भी पारा शून्य से नीचे ही है।
मनाली-लेह हाईवे का 178 किलोमीटर हिस्सा हिमाचल प्रदेश में पड़ता है, जबकि 250 किलोमीटर हिस्सा लद्दाख में पड़ता है। रोहतांग दर्रे के पास बनाई गई अटल टनल ने इस रास्ते को करीब 45 किलोमीटर कम कर दिया है।
मनाली के आगे अटल टनल के रास्ते से जाने पर इस राजमार्ग को करीब 2 घंटे पहले पूरा किया जा सकता है। लेह-मनाली हाईवे अमूमन सालभर में सिर्फ 6 महीने ही आवाजाही के लिए खुला रहता है। शेष 6 महीने इसे भारी बर्फबारी की वजह से बंद रखना पड़ता है।
इस बार भी बीआरओ ने बर्फ हटाने का काम शुरू किया है, जो मई के पहले सप्ताह तक पूरा होगा और मई में ही इसे आवाजाही के लिए खोला जा सकेगा।
इस राजमार्ग की औसतन ऊंचाई 4,000 मीटर यानी करीब 4 किलोमीटर की रहती है, जबकि तैगलांग ला माउंटेन के पास इसकी ऊंचाई 5,328 मीटर तक पहुंच जाती है।
यह हाईवे की सबसे ज्यादा ऊंचाई वाली जगह है। पूरा हाईवे टू लेन का बना है और हर साइड एक लेन की है, जिस पर आधा लेन का स्ट्रेच भी दिया गया है।