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Success Story: इस लेडी IAS अफसर ने की बिना कोचिंग पहली बार में की UPSC क्रैक, जाने सफलता की कहानी

Success Story: इस लेडी IAS अफसर ने की बिना कोचिंग पहली बार में की UPSC क्रैक, जाने सफलता की कहानी
 

IAS Ritika Jindal: कुछ लोगों को बहुत कम उम्र में ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन हार मानने की बजाय वे और मजबूत होकर सामने आते हैं और जीवन में कुछ खास हासिल करते हैं। ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है IAS रितिका जिंदल की। रितिका जिंदल पंजाब के मोगा शहर की रहने वाली हैं। वह स्कूल के दिनों से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थीं। 


उन्होंने 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षा में पूरे उत्तर भारत में सबसे ज्यादा अंक हासिल कर टॉप किया था। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। रितिका ने ग्रेजुएशन के तीसरे साल में ही UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी।

लेकिन, UPSC की तैयारी के दौरान रितिका के पिता को मुंह और फेफड़ों का कैंसर हो गया। उन्होंने अस्पताल में रहते हुए भी पढ़ाई जारी रखी और पिता की देखभाल भी की। इतना कुछ होने के बावजूद रितिका अपने पहले प्रयास में परीक्षा पास नहीं कर पाईं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 


साल 2019 में रितिका ने अपने दूसरे प्रयास में महज 22 साल की उम्र में 88वीं रैंक हासिल कर UPSC पास कर लिया। वह भारत की सबसे कम उम्र की IAS अधिकारियों में से एक बन गईं। हालांकि, आईएएस की ट्रेनिंग के दौरान ही उनके माता-पिता दोनों का निधन हो गया।

रितिका ने यूपीएससी की तैयारी के बारे में एक इंटरव्यू में बताया, "पिता को जिंदगी की जंग लड़ते देखकर मुझे बहुत हिम्मत मिली और मैंने परीक्षा के लिए और भी ज्यादा मेहनत की।"

फिलहाल, वह हिमाचल प्रदेश के पांगी में रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। पांगी को हिमाचल प्रदेश का 'कालापानी' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां की सड़कें बहुत खराब हैं और गांव बहुत दूरदराज के हैं।