हरियाणा के सिरसा जिले के खेतों में मिलता है औषधि का यह संजीवनी पौधा, शुगर को करता है जड़ से खत्म, जानें
Calotropis gigantea Benifit: हरियाणा प्रदेश का सिरसा जिला राजस्थान की सीमा से लगता है। सिरसा जिले के खेतों में आंख का एक पौधा मिलता है जो औषधि में संजीवनी बूटी की अहमियत रखता है। यह पौधा शुगर के रोगियों के लिए रामबाण का काम करता है। शुगर एक लाइलाज बीमारी होती है। साधारण शब्दों में कहें तो की एक ऐसी बीमारी जिसका कोई इलाज नहीं हो सकता। लेकिन आज अब हम जिस एक ऐसी जड़ी-बूटी की बात कर रहे हैं जो सिरसा जिले के खेतों में अपार मात्रा में पाई जाती है।
इस जड़ी बूटी के सही उपयोग से शुगर को हम जड़ से खत्म कर सकते हैं। शुगर को हम हेल्दी डाइट के जरिए कंट्रोल कर सकते हैं। शुगर में ब्लड शुगर बढ़ने से शरीर में विभिन्न रोग पैदा हो जाते हैं। हमारे शरीर में शुगर की अधिक मात्रा बढ़ने से ज्यादा प्यास लगना, गला सूखना, मुंह सूखना, बीपी कम होना, त्वचा का सूखना, चक्कर आना, कमजोरियों जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
दूसरे शब्दों में कहें तो शुगर (Diabetes) एक ऐसा रोग है जिसे सिर्फ अनुशासनात्मक जीवन शैली और हेल्दी डाइट के साथ ही कंट्रोल किया जा सकता है।
शुगर का अभि तक डाक्टरों के पास कोई परमानेंट इलाज नहीं है, यही कारण है कि डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने हेतु अक्सर डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली दवाइयां पर निर्भर रहते हैं।
लेकिन अगर आप शुगर के रोगी हैं और इस रोग को जड़ से खत्म करना चाहते हैं तो सिरसा जिले के खेतों में पाई जाने वाली इस जड़ी बूटी का उचित मात्रा में सेवन कर इसे जड़ से खत्म कर सकते हैं। दूसरी भाषा में कहे तो आप इसे जड़ से खत्म करने हेतु आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का भी सहारा ले सकते हैं। सिरसा जिले के खेतों में पाया जाने वाला आज का पौधा इस बीमारी को खत्म करने हेतु संजीवनी बूटी का काम करता है।
यही कारण है कि आक के पौधे को आयुर्वेद में डायबिटीज के लिए एक शक्तिशाली जड़ी बूटी माना गया है। आक के पौधे को आयुर्वेद में एक अच्छी जड़ी-बूटी माना गया है। इसे राजस्थान में मदार के नाम से भी जाना जाता है।
वैज्ञानिक भाषा में इसे (Calotropis gigantea) बोला जाता है। इसका इस्तेमाल परंपरागत चिकित्सा प्रणालियों में विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों में डायबिटीज के लिए तैयार किया जाता है। आक के पौधे के विभिन्न गुण पाए जाते हैं। अगर हम आंख के पौधे के गुना की बात करें तो इस पौधे में एंटी इंफ्लेमेटरी और चोट को सही करने में ये पौधा कारगर सिद्ध होता है।
यह पौधा मनुष्य के शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में भी मदद करता हैं। वहीं इसका एंटी इन्फ्लेमेटरी पाया जाने वाला गुण ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में कारगर साबित होता हैं।