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हरियाणा की बेटी की अनोखी कहानी, बीमारी को मात देकर होंसले और जुनून से जीते कई गोल्ड मेडल
 

Unique story of Haryana's daughter, who defeated the disease and won many gold medals with courage and passion
 

आज हम आपको उसे हरियाणा की बेटी की कहानी बता रहे हैं जिन्होंने अपने जुनून के आगे अपनी बीमारी को हावी नहीं होने दिया। इस बेटी ने बीमारी को मार देते हुए खेलों में गोल्ड मेडल तक भी जीत लिया और यह साबित कर दिया कि आपमें अगर हौसला और हिम्मत होगी तो आपके जज्बे और जुनून को देखते हुए सफलता आपको अवश्य मिलेगी।

हरियाणा प्रदेश के पानीपत जिले के गांव सिवाह की सुमन देवी ने अपने जुनून और जज्बे से यह काम कर दिखाया है। आपको बता दें कि परिवार का साथ और सुमन की हिम्मत का ऐसा संयोग बना कि अपने नाम की मानिंद वह खिल गयी। सुमन का महज दो वर्ष की आयु में एक पैर पोलियोग्रस्त हो गया। इसके बाद सुमन के घरवालों को चिंता होने लगी कि अब बच्ची क्या करेगी ? समय के साथ-साथ जिंदगी धीरे-धीरे आगे बढ़ती रही।

समय गुजारने के साथ जब सुमन पड़ी हुई तो घर वालों ने उनकी शादी कर दी। लेकिन सुमन के मन में हमेशा कुछ अलग करने का जज्बा बना रहा। इसी जज्बे से आगे चलकर सुमन ऐसी खिलाड़ी  बनी, जिसकी लोग मिसाल देने लगे। आज सुमन के घर आपको गोल्ड मेडल से लेकर सभी पदक देखने को मिल जाएंगे।


हरियाणा प्रदेश के पानीपत जिले की रहने वाली सुमन अब वैश्विक प्रतियोगिताओं की तैयारी भी कर रही हैं। सुमन ने बताया कि वह पति प्रदीप के साथ 2019 में पानीपत में जिला स्तरीय पैरा पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में गई थी। वहां पर महिला प्रतिभागी वजन नहीं उठा पा रही थीं। पति प्रदीप कुमार ने जोर आजमाइश करने की सलाह दी। फिर मजाक-मजाक में सुमन ने एक झटके में 40 किलो वजन उठा दिया।

फिर प्रदीप ने गांव सिवाह स्थित मैक्स फिटनेस जिम के कोच नवीन कादियान से बात की और यहां से शुरू हो गया पावर लिफ्टिंग का सफर। सुमन बताती हैं कि पहले तो जीवन मुस्किल लगने लगा था। लेकिन घरवालों का साथ मिला तो हौसला बढ़ा। सुमन ने राष्ट्रीय स्तर पर 2018 में चेन्नई में स्वर्ण पदक जीता। उसके बाद भारोत्तोलन में जोर आजमाइश की। मार्च 2022 में कोलकाता में हुए 19वें नेशनल पैरा पॉवर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।

फिर तो जीत का सिलसिला ही चल पड़ा। चार साल में ही राष्ट्रीय स्तर पर पैरा पॉवर लिफ्टिंग में दो स्वर्ण सहित चार मेडल जीतकर पानीपत का नाम रोशन किया। अभी भी सुमन परिवार की देखभाल के साथ ही सुबह-शाम अभ्यास करती हैं। सुमन ने बताया कि उनका जन्म जींद के गांव निडाना में हुआ। उनके पिता परमानंद पेशे से मास्टर हैं। वे तीन भाई व तीन बहनों में सबसे छोटी हैं।