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गंगा एक्सप्रेस-वे में इस्तेमाल होगी विश्व स्तरीय तकनीक, उत्तर प्रदेश बनेगा ऐसा करने वाला देश का प्रथम राज्य

गंगा एक्सप्रेस-वे में इस्तेमाल होगी विश्व स्तरीय तकनीक, उत्तर प्रदेश बनेगा ऐसा करने वाला देश का प्रथम राज्य
 

उत्तर प्रदेश के लोगों को योगी सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है। योगी सरकार गंगा एक्सप्रेस-वे को विश्व स्तरीय तकनीक इस्तेमाल कर बनाने जा रही है। अगर यह तकनीक पूर्ण रूप से कामयाब हो जाती है तो उत्तर प्रदेश राज्य एक्सप्रेस-वे में विश्व क्षत्रिय तकनीक इस्तेमाल करने वाला देश का प्रथम राज्य बन जाएगा।

उत्तर प्रदेश राज्य की योगी सरकार ने 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे को अत्याधुनिक बनाने के लिए दो विदेशी संस्थानों से एमओयू (MOU) कर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज के बीच बनाया जा रहा है।  इस एक्सप्रेस-वे में यातायात को सुगम बनाने के लिए एयरो सेंसर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेंसर मॉड्यूल भी लागू होगा। 


रोड निर्माण में विश्व स्तरीय तकनीक अपनाने वाला उत्तर प्रदेश बनेगा देश का प्रथम राज्य

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार रोड निर्माण के मामले में दिन प्रतिदिन काफी तेजी से कार्य कर रही है। अब गंगा एक्सप्रेस-वे पर विश्व स्तरीय तकनीक का इस्तेमाल कर उत्तर प्रदेश यह तकनीक इस्तेमाल करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।

प्रदेश सरकार गंगा एक्सप्रेस-वे में इस विश्व स्तरीय तकनीक का प्रयोग सफल होने के बाद सरकार इसे प्रदेश के अन्य एक्सप्रेस-वे में भी लगाने की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने दो अलग-अलग MOU किए हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए विभाग ने ईटीएच ज्यूरिख विश्वविद्यालय व आरटीडीटी लेबोरेटरीज एजी के साथ एमओयू (MOU) किए हैं। 

गंगा एक्सप्रेस-वे पर इस तकनीक के सफल रहने के बाद दूसरे एक्सप्रेस-वे में भी किया जाएगा प्रयोग

उत्तर प्रदेश में इन दोनों गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में विश्व स्तरीय तकनीक के इस्तेमाल के चलते यह पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए
औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि इससे गंगा एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता और बेहतर होने के साथ-साथ लोगों को सफर में भी आसानी होगी।

उन्होंने कहा कि अभी हम गंगा एक्सप्रेस पर इस विश्व स्तरीय तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में काम कर रहे हैं। इसकी सफलता के बाद इस तकनीक को प्रदेश के अन्य एक्सप्रेसवे में भी लागू किया जाएगा। इससे लाखों, करोड़ों यात्रियों को सुविधा और फायदा होगा।

आपको बता दें कि औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार इस तकनीक ने इस तकनीक की स्विट्ज़रलैंड से जानकारी लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया था। मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद यूपीडा के अधिकारीयों ने जर्मनी व स्विट्जरलैंड जाकर वहां के राष्ट्रीय राजमार्गों के संचालन व ट्रैफिक व्यवस्था का अध्ययन किया था।