PARIS OLYMPIC 2024: एक घंटे बाद हरियाणा की एक और 'Pistol Queen' लगाएगी मैडल पर निशाना, मनु भाकर के बाद आज इनसे पुरे देश को उमीदें
रमिता रविवार को क्वालीफिकेशन राउंड में 631.5 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर रही थी। इसी स्पर्धा में, भारत के एल्वेनिल वलारिवन फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहे। रमिता ने 2022 के एशियाई खेलों में रजत और कांस्य पदक जीतकर अपनी पहचान बनाई थी। वह अपने कोच सुमा शिरूर (एथेंस 2004) के बाद ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला राइफल निशानेबाज हैं।
उन्होंने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में रजत पदक जीता।
2021 | ISSF जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल |
2022 | एशियाई खेलों में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल |
2022 | ISSF विश्व कप में गोल्ड और सिल्वर मेडल |
2022 | विश्व चैम्पियनशिप में 2 गोल्ड मेडल |
2023 | एशियाई शूटिंग चैम्पियनशिप में एक सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज |
2023 | विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल |
हरियाणा की छोरी की शूटिंग में दिलचस्पी
जानकारी के मुताबिक रमिता जिंदल का जन्म 16 जनवरी 2004 को लाडवा में जिंदल परिवार में हुआ। वो दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज की छात्रा है। रमिता के पिता अरविंद जिंदल टैक्स एडवाइजर हैं। 8 साल की उम्र में रमिता ने शूटिंग शुरू की थी। वहीं अरविंद जिंदल बेटी रमिता को कुरुक्षेत्र के करण शूटिंग रेंज में ले गए। यहां से रमिता की शूटिंग में दिलचस्पी बढ़ी और वो स्कूल जाने लगी और फिर शाम को अभ्यास के लिए करण शूटिंग अकादमी जाने लगी। उनकी दृढ़ता और प्रतिभा के कारण उन्हें अलग-अलग और राज्य-स्तरीय मैचों में जीत मिलती रही थी। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी जगह बनाने के बाद साल 2021 जूनियर विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था।
2020 में जीता मेडल
रमिता जिंदल को पहली सफलता तब मिली, जब वह 2018 की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में शीर्ष 10 में रहीं। 2020 में रमिता ने नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में मेडल जीतना शुरू किया। इसके बाद उसे भारतीय शूटर के रूप में पहचान मिली। साल 2023 में बाकू में हुए विश्व चैम्पियनशिप में रमिता जिंदल ने गोल्ड मेडल हासिल किया। यहां मेडल जीतने के बाद उनका PARIS OLYMPIC 2024 में स्थान पक्का हो गया।