बिना शराब पिए ही शख्स को हो जाता है चार पेग का नशा, परिवार के साथ-साथ डॉक्टर भी है परेशान
क्या आपने कभी सोचा है कि बिना शराब पिए ही आपको चार पैक का नशा हो सकता है। अगर कहीं पर ऐसा होता भी होगा तो शराब पीने वालों की तो लॉटरी लग जाती होगी। हमें सोचने में भी यह बात बड़ी अजीब लगती है। लेकिन यह बिल्कुल सच है। आज हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं वह बेल्जियम देश का रहने वाला है। यह आदमी एक शराब बनाने वाली एक कंपनी में काम करता था।
इस शख्स को अपना ऑफिस वर्क घर लौटते समय रास्ते में ट्रैफिक पुलिस ने 'ड्रंक एंड ड्राइव' केस में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। जब इस शख्स को मामले की सुनवाई हेतु कोर्ट में पेश किया गया तो उसने जज को अपनी सारी कहानी बताई। उसने बताया कि वह बिल्कुल भी शराब नहीं पीता।
सच्चाई जानने के बादजज ने उसका मेडिकल एग्जामिनेशन करवाया तो सब हैरान रह गए। पता चला कि वह शख्स वाक्य में ही शराब नहीं पीता है। उसे रेयर हेल्थ कंडीशन 'ऑटो ब्रीवरी सिंड्रोम' नामक बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का शरीर खुद ही शराब बनाने लगता है।
यह एक ऐसी बीमारी है जिसमे पीड़ित व्यक्ति के शरीर में एक शराबी के सभी लक्षण मिल जाते हैं। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को हरदम नशे का अहसास रहने के साथ-साथ फैसले लेने में भी परेशानी होती है और सिर घूमता रहता है। मानो वह हरदम चार पैग लगाकर घूम रहा हो।
ऑटो ब्रीवरी सिंड्रोम बीमारी के लक्षण आज से करीब तीन वर्ष पहले अमेरिका की एक महिला मैं भी पाए गए थे। अमेरिका की रहने वाली इस महिला का नाम सारा लिफेबर था। इसके साथ यही हेल्थ कंडीशन थी। सारा लिफेबर को डॉक्टर्स चेकअप के दौरान किसी भी तरह की बीमारी होने से इनकार कर देते थे। सारा लिफेबर करीब 20 साल की थी तब से उनके साथ यह समस्या शुरू हो गई थी।
सारा लिफेबर को 18 साल बाद पता चला कि वह 'ऑटो ब्रीवरी सिंड्रोम' से जूझ रही हैं। बाद में उनकी हालत को देखते हुए लिवर ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ गई।
ऑटो ब्रीवरी सिंड्रोम में पीड़ित व्यक्ति का शरीर खुद ही यीस्ट एथेनॉल बनाने लगता है। यह एक तरह की शराब ही होती है। यह अल्कोहल पीड़ित व्यक्ति के ब्लड में मिलकर पूरे शरीर में पहुंच जाता है और चार पैग जितना नशा कर देता है। जिसके चलते पेशेंट अगर शराब भी पीता है तो एक-दो पैग में ही उसे पूरी बोतल से अधिक नशा हो जाता है।