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Black triangle inside plane : प्लेन की सीट के ऊपर क्यों होता है त्रिकोण, 99.9% लोगों को नहीं है पता 

आज के समय में ज्यादातर लोग फ्लाइट में सफर करना पंसद करते है। प्लेन में यात्रियों को बहुत सी सुविधाएं दी जाती है। लेकिन आपको पता है कि प्लेन की सीट के ऊपर त्रिकोण का निशान क्यों बना होता है। अगर नहीं, तो चलिए हम आपको बताते है इसका मतलब  
 

Black triangle inside plane :  फ्लाइट में यात्रा कर चुके लोग ये तो जानते होंगे कि अन्य साधनों से ज्यादा, विमान ज्यादा रोमांचक साधन लगता है, वो इसलिए क्योंकि ये हवा में उड़कर गणतव्य तक जल्द ही पहुंचा देता है। जहां ट्रेन नहीं पहुंच सकती, वहां भी प्लेन से जाया जा सकता है।

अब आसमान में इतनी ऊपर उड़ने पर खतरा भी काफी ज्यादा होता है। इन खतरों को टालने के लिए, प्लेन के अंदर कई तरह के निशान बनाए जाते हैं, जो आम लोगों के लिए अजीबोगरीब हो सकते हैं, पर विमान के कर्मियों के लिए वो बड़े काम के होते हैं।

अब एक त्रिकोण को ही ले लीजिए। आपने यात्री विमानों में गौर किया होगा कि सीट के ऊपर एक त्रिकोण बना रहता है। आखिर इसका मतलब क्या है? शायद ही कोई सही जवाब जानता होगा!

ये त्रिकोण प्लेन के विंग के सीध में बना होता है। ये एक तरह का निशान है। वो निशान जो यात्रियों से ज्यादा प्लेन के कर्मी, यानी पायलट या फिर फ्लाइट अटेंडेंट्स के लिए काम आता है। प्लेन इतनी ऊंचाई पर उड़ता है, तो कई बार ऐसे मौके आते हैं।

जब पायलट या फिर फ्लाइट अटेंडेंट्स को पंख की जांच करनी पड़ती है। पंख में हिलने वाले हिस्से जैसे फ्लैट्स और स्लैट्स को देखना पड़ता है या फिर ये जांचना पड़ता है कि कहीं उसमें बर्फ तो नहीं जम गई।

इस वजह से बना होता है निशान

अब उड़ते विमान से बाहर तो जाना असंभव है, इसलिए विंग्स का सही व्यू देखने के लिए कर्मियों को प्लेन के अंदर की खिड़की का ही इस्तेमाल करना पड़ता है। अब कैसे पता चले कि किस खिड़की से विमान के विंग्स पूरे नजर आएं और उनका सही व्यू मिले।

हर खिड़की से जा-जाकर देखना भी मुनासिब नहीं है, इससे यात्रियों को असुविधा हो सकती है। ऐसे में जिस खिड़की से सबसे अच्छा दृश्य विंग का दिखता है, उस खिड़की के ऊपर ही त्रिकोण बना दिया जाता है, जिससे कर्मियों को पता रहे कि कहां से विंग देखना है।

यात्रियों के लिए भी निशान होता है फायदेमंद

यात्रियों को भी इस निशान से फायदा मिल जाता है। वो ऐसे कि कई बार जिन लोगों को प्लेन में उल्टी महसूस होती है, वो विंग के पास वाली सीट ले लेते हैं या फिर विमान के अंदर अगर सीट खाली होती है, तो उस सीट पर बैठ जाते हैं।

उस सीट पर झटके कम लगते हैं, क्योंकि विंग्स हमेशा मध्य में होते हैं। इसके अलावा बीच में बैठने से प्लेन भी ज्यादा संतुलन में होता है।