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सिरसा जिले के छोरे ने गाड़े सफलता के झंडे, अपने गांव में पहला डॉक्टर बनकर किया नाम रोशन

सिरसा जिले के छोरे ने गाड़े सफलता के झंडे, अपने गांव में पहला डॉक्टर बनकर किया नाम रोशन
 

हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले के गांव खेड़ी के छोरे विवेक ने सफलता का परचम लहरा दिया है। आपको बता दें कि कल संपूर्ण देश में नीट की परीक्षा का परिणाम जारी हुआ है।

जिसमें विवेक ने 720 में से 675 अंक हासिल कर अपने परिवार के साथ-साथ संपूर्ण गांव का नाम भी रोशन कर दिया है।

विवेक ने इस परीक्षा में 675 अंकों के साथ कैटिगरी रैंक 1318 हासिल की है। ऑल इंडिया रैंक की बात करें तो विवेक ने 11463वीं रेंक हासिल की है। संपूर्ण खेड़ी गांव में विवेक एकमात्र ऐसा लड़का है जो पहली बार गांव में डॉक्टर बनेगा। विवेक की सफलता पर उनके परिवार के साथ-साथ संपूर्ण गांव में खुशी का माहौल है। 

प्रतिदिन 15 घंटे पढ़ाई कर हासिल की सफलता 

आज विवेक की सफलता पर खेड़ी गांव में बधाईयों का तांता लगा हुआ है। विवेक ने इस सफलता को पाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की थी। विवेक से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि मेरा बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था। मेरा यह सपना पूरा करने में मेरे परिवार ने भी बहुत साथ दिया है।

उन्होंने कहा कि वह पिछले 2 साल से सीकर में रहकर इस परीक्षा की तैयारी कर रहा था। इस दौरान प्रतिदिन 15 से 16 घंटे पढ़ाई कर आज यह सफलता हासिल की है। विवेक का मानना है कि अगर आप जीवन में कोई लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं और उस पर कड़ी मेहनत करते हैं तो आपको सफलता अवश्य मिलती है।

पहली बार गांव में किसान का बेटा बनेगा डॉक्टर 

विवेक का संपूर्ण परिवार सिरसा जिले के खेड़ी गांव में खेती-किसानी करता है। विवेक के दादा शेर सिंह सिद्धू और चाचा ओम प्रकाश सिद्धू ने बताया कि विवेक बचपन से ही पढ़ाई में होशियार था।

हमें विवेक की पढ़ाई के प्रति रुचि देखकर शुरू से ही लगता था कि आगे चलकर यह बड़ा अफसर बनेगा। लेकिन यह कभी नहीं सोचा था कि विवेक डॉक्टर बनकर भी गांव का नाम रोशन करेगा। आज विवेक ने डॉक्टर बनकर पूरे परिवार साथ-साथ गांव का भी नाम रोशन कर दिया है। उन्होंने कहा कि विवेक की इस सफलता पर हम सबको नाज है।

आपको बता दें कि विवेक के पिता विनोद सिद्धू प्राइवेट सेक्टर में ‘डिगानिया मेडिकल डिवाइस कंपनी' गुरुग्राम में रहकर नौकरी करते हैं। विनोद ने अपने बेटे विवेक की सफलता पर कहा कि उन्हें अपने बेटे पर नाज है, जिन्होंने आज डॉक्टर बनकर परिवार के साथ-साथ गांव का भी नाम रोशन कर दिया।