Mughal Haram: मुगल बादशाह कई महीनों तक रहते थे बाहर, अपनी प्यास बुझाने के लिए औरतें रात भर करती थी ऐसे ऐसे काम
Mughal Haram: देश के साथ-साथ विदेश में भी मुगल हरम की सच्चाई जानने हेतु लोग उत्सुक रहते हैं। बताया जाता है कि मुगल हरम में महिलाओं के शरीर की एक बार एंट्री होने पर मृत्यु के बाद ही बाहर निकाला जाता था। इतिहासकार बताते हैं कि अकबर के मुगल हरम में लगभग 5 हजार से अधिक महिलाएं थी।
लेकिन मुगल बादशाह अकबर इनमें से कुछ महिलाओं के साथ ही संबंध बनाते थे। ऐसे में मुगल हरम (Mughal Haram) की औरतें अपनी उत्तेजना को शांत करने हेतु दूसरी औरतों के साथ छेड़खानी करती रहती थी। इतिहासकार बताते हैं कि मुगल हरम में औरतों की गलतियां पकड़े जाने पर कोड़े भी बरसाए जाते थे।
यही कारण था कि रात के समय में किलकारियों की आवाजें भी सुनाई देती थी। आपको बता दें कि सेंकड़ों वर्षों पहले भारत पर मुगलों की हुकूमत के दौरान सबसे अधिक चर्चा का विषय मुगल हरम था। आज देश के साथ-साथ विदेश में भी लोग मुगल हरम की सच्चाई जानने हेतु उत्सुक रहते हैं। लोग मुगल हरम (Mughal Haram) की सच्चाई जानने हेतु इतिहास भी काफी पढ़ते हैं।
इतिहास की मानें तो मुगल शासकों ने औरतों के रहने के लिए अलग से शाही हरम बना रखा था। यह कहने को तो शाही हरम था लेकिन इसमें सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति महिलाओं की होती थी। क्योंकि इस शाही हरम में औरतों के साथ वो सभी अय्याशी के काम किए जाते थे जिनकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। मुगल हरम (Mughal Haram) पर पूरा शासन रानियां का होता था। वहीं हरम में पहरेदारी का काम किनारों को दिया गया था। इस हरम में राजा के अलावा मर्दों को जाने की इजाजत नहीं थी। इसे रानियां अपने हिसाब से चलाती थीं। इतिहासकार बताते हैं कि
बादशाह अकसर युद्ध और साम्राज्य के कामों से वक्त मिलने के बाद अधिकतर हरम में ही बिताते थे। मुगल हरम (Mughal Haram) में अकसर दावतों और पार्टियों का दौर चलता था। बताया जाता है कि मुगल बादशाह और मुगल हराम (Mughal Haram) की औरतें बागवानी में काफी रुचि रखते थे।
मुगल हरम में खेले जाते थे विभिन्न खेल
इतिहासकार बताते हैं कि मुगल हरम में पासबंदी से लेकर कुस्ती तक विभिन्न खेल खेले जाते थे। मुगल शासक अकबर को सबसे ज्यादा पासबंदी खेलना पसंद था। पाशबंदी खेल में मूर्तियों से बने घोड़ों का इस्तेमाल कर दो टीमों द्वारा खेला जाता था। वहीं कई बार महिलाएं भी पासबंदी खेल में हिस्सेदारी लेती थी। मुगल हरम में पासबंदी के अलावा कुश्ती, बैकगैमौन और ताश आदि खेल भी खेले जाते थे। वहीं कई मुगल बादशाह सांपों के साथ भी खेलते थे।
मुगल हरम में पुरुषों का प्रवेश तथा वर्जित, हिजड़े करते थे यह काम
मुगल हरम में राजा के अलावा किसी भी पुरुष का प्रवेश वर्जित किया गया था। इतिहासकार सर थॉमस कोरयाट लिखा है कि हरम के अंदर बादशाह के अलावा किसी भी पुरुष को घुसने पर उसे दंड दिया जाता था।
महिलाओं के लिए बनाए गए मुगल हरम के औरतों के अलावा हिजडे़ रहा करते थे। हिजड़ों को सुरक्षा का कार्य सोपा गया था। इन्हें मुगल हरम में ‘ख्वाजा सार’ के नाम से पुकारा जाता था। वही मुगल बादशाह अकबर के समय में हरम की सुरक्षा और पुख्ता करते हुए बाहरी शख़्स के प्रवेश को पूरी तरह से बेन कर दिया।
मुगल हरम के जानकार प्रोफेसर आर. नाथ ने लिखा है कि अगर हरम की कोई महिला, मुगल बादशाह के अलावा किसी दूसरे शख्स से संबंध रखती हुई पाई जाती थी तो उसे मुगल हरम में बने फांसी ग्रह में फांसी दे दी जाती थी और उसकी लाश को गुफा के रास्ते बाहर फेंक दिया जाता था।