Haryana News: हरियाणा में आचार संहिता हटते ही सैनी सरकार में होगा बदलाव, इन पदों पर नियुक्त किए जाएंगे कई नेता
Haryana News: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सीएम नायब सिंह सैनी अपनी सरकार में कई बदलाव कर सकते हैं। आचार संहिता हटने के बाद सरकार खाली पड़े अध्यक्ष पदों पर भाजपा के कई वफादारों को नियुक्त कर सकती है। यह बहुत धुंधला होता जा रहा है। साथ ही अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं। सूची बनाई जा रही है। इस महीने के अंत तक अधिकारियों का तबादला कर दिया जाएगा। हालांकि यह भी चर्चा है कि मंत्रिमंडल में बदलाव भी हो सकता है। चुनाव के दौरान जिस तरह से बड़े नेताओं की नाराजगी और निर्दलीय विधायकों की बारी सामने आई है, सरकार सतर्क हो गई है। कैबिनेट में एक या दो व्यक्तियों को भी समायोजित किया जा सकता है।
अध्यक्षों के कई पद खाली हो गए
भाजपा-जेजेपी गठबंधन टूटने के बाद जेजेपी कोटे से अध्यक्षों के कई पद खाली हो गए हैं। इन पदों पर नेताओं के इस्तीफों के दौरान आचार संहिता लागू हुई थी। इसलिए उस समय नियुक्ति नहीं की जा सकी थी। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपनी सरकार का चेहरा पूरी तरह से बदल दिया था। मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया है। उनके चुनाव के चार दिन बाद आचार संहिता लागू हुई।
तब से वे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की टीम के साथ काम कर रहे हैं। ऐसे में वह अपनी टीम के कई सदस्यों को एडजस्ट भी करेंगे। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में कड़ी मेहनत करने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पुरस्कार के रूप में अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि चुनाव अक्टूबर के महीने में होने वाले हैं। ऐसे में सैनी सरकार इन चुनावों को ध्यान में रखते हुए ऐसे लोगों को नियुक्त कर सकती है, ताकि चुनावी समीकरण भी तैयार किए जा सकें। ये नियुक्तियां भी जून में की जाएंगी।
बिजली मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था
लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट न मिलने के बाद रंजीत चौटाला ने हरियाणा के बिजली मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। लोकसभा के नतीजों के बाद संभव है कि वह बिजली मंत्री का पद भी छोड़ दें। इससे बिजली मंत्री का पद खाली हो जाएगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा विधायक भव्य बिश्नोई या निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत को मंत्री पद दिया जा सकता है। गौरतलब है कि भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई हिसार लोकसभा सीट से रंजीत चौटाला को टिकट दिए जाने से नाराज थे। सीएम सैनी को उनके घर जाकर जश्न मनाना था। वहीं, निर्दलीय विधायकों के अचानक बदलने से पैदा हुई स्थिति को देखते हुए सरकार नयनपाल रावत को भी बड़ा पद दे सकती है।
उपायुक्तों और एसपी को बदला जा सकता
बताया जा रहा है कि आचार संहिता हटने के बाद कई स्तरों पर प्रशासनिक बदलाव भी संभव हैं। कई जिलों के उपायुक्तों और एसपी को बदला जा सकता है। साथ ही मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को भी बदला जाना तय है। उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान अधिकारियों से कई शिकायतें मिली हैं। भाजपा के जिला अध्यक्षों ने भी मुख्यमंत्री को अधिकारियों की सूची सौंपी है। इसे लेकर बातचीत चल रही है। वहाँ,
मुख्यमंत्री कई अधिकारियों के कामकाज से भी नाराज हैं। यही कारण है कि वह चुनाव के दौरान समय-समय पर अधिकारियों को चेतावनी देते रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन अधिकारियों का तबादला 6 जून के बाद कभी भी किया जा सकता है।