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Haryana News: हरियाणा FPO घोटाले में सरकार का बड़ा एक्शन, विभाग के DG को पद से हटाया, अब इन्हें मिली जिम्मेदारी 

Haryana Breaking News: हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट में हुए घोटाले की जांच सीएम विजिलेंस से करा चुके हैं। विजिलेंस की रिपोर्ट पर ही CM कई फर्म संचालकों और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई कर चुके हैं। सूत्रों की माने तो इस खेल में फर्म संचालकों का अहम रोल रहा है, जिसमें फर्जी FPO के जरिए पैसों का खेल खेला गया।
 
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चंडीगढ़:  हरियाणा में सरकार का बड़ा एक्शन, हरियाणा में फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (FPO) की ग्रांट बांटने में करोड़ों के घोटाले की चल रही CBI जांच के बीच सरकार ने हॉर्टिकल्चर (बागवानी) विभाग के डीजी डा. अर्जुन सैनी को पद से मुक्त कर दिया है। उन्हें अब विभाग में HOD स्पेशल का पद दिया गया है, जबकि उनके स्थान पर एग्रीकल्चर (कृषि विभाग) डायरेक्टर IAS राजनारायण कौशिक को डीजी का कार्यभार दिया है। 
 
केंद्र सरकार के पास पहुंची थी शिकायत 


बता दे कि केंद्र सरकार के पास बागवानी विभाग में हुए घोटाले को लेकर शिकायत पहुंची थी, उसमें कुरुक्षेत्र की 3 फर्मों का अहम रोल बताया गया है। शिकायत में कहा गया है कि फर्मों ने फर्जी FPO बनाकर सब्सिडी का हथियाने का काम किया था। फर्मों ने FPO के नाम पर मंजूर होने वाली ग्रांट किसानों के खातों तक नहीं पहुंची। बताया गया कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 85% तक सब्सिडी दी जाती है

 जिसके कारण फर्म मालिकों की ओर से फर्जी किसान संगठन बनाकर ग्रांट डकारने का काम किया गया।bहॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट में किसानों को FPO की ग्रांट बांटने में करोड़ों रुपए के घोटाले का मामला में 2022 में CM मनोहर लाल ने करीब 10 छोटे-बड़े अफसरों के खिलाफ कार्रवाई कर चुके हैं। लेकिन केंद्र सरकार इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है क्योंकि यह स्कीम केंद्र की है और उसके पास पुख्ता सबूतों के साथ घोटाले की शिकायत पहुंची है।

 
हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट में हुए घोटाले की जांच सीएम विजिलेंस से करा चुके हैं। विजिलेंस की रिपोर्ट पर ही CM कई फर्म संचालकों और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई कर चुके हैं। सूत्रों की माने तो इस खेल में फर्म संचालकों का अहम रोल रहा है, जिसमें फर्जी FPO के जरिए पैसों का खेल खेला गया। विभाग के 10 अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने एक्शन लिया था। इसमें बागवानी विभाग के 4 अधिकारियों को सस्पैंड करने के साथ ही रुल 7 के तहत 4 अफसरों को चार्जशीट किया गया था। वहीं रुल 8 के तहत 6 सीनियर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।