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UP के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली महंगी करने तैयारी, दो रुपये किलोवाट महंगी हो जाएगी गांवों में बिजली

UP ELECTRICTY NEWS: यूपी के ग्रामीण इलाकों में बिजली महंगी होने वाली है। यह बिजली की दर बढ़ाकर नहीं बल्कि फीडर को बदलकर किया जाएगा। राज्य के कई ग्रामीण फीडरों को अब शहरी फीडरों में बदल दिया जाएगा।
 
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UP News: यूपी के ग्रामीण इलाकों में बिजली महंगी होने वाली है। यह बिजली की दर बढ़ाकर नहीं बल्कि फीडर को बदलकर किया जाएगा। राज्य के कई ग्रामीण फीडरों को अब शहरी फीडरों में बदल दिया जाएगा। ऐसे में संबंधित क्षेत्र के उपभोक्ताओं को लगभग दो रुपये प्रति किलोवाट की महंगी दर पर बिजली मिलेगी। विद्युत निगम के निदेशक मंडल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया है। सूचना मिलते ही उपभोक्ता परिषद ने विरोध शुरू कर दिया। परिषद का तर्क है कि उपभोक्ताओं के मौलिक अधिकार को पहले पूरा किया जाएगा। इसके बाद ही विकास की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

14 जून को हुई उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक मंडल की बैठक में शहरीकरण के मुद्दे पर चर्चा की गई। यह निर्णय लिया गया कि राज्य के विद्युत वितरण निगमों को अपने-अपने क्षेत्रों में उन क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए जहां शहरीकरण हुआ है। शहरीकरण के दायरे में आने वाले फीडरों से जुड़े उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति के प्रकार को बदला जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में, जहां शहरीकरण के बाद भी ग्रामीण फीडरों के आधार पर बिजली के बिल एकत्र किए जा रहे हैं, उसे शहरी फीडरों से बदल दिया जाना चाहिए।
 शहरी दरों पर संबंधित क्षेत्रों के उपभोक्ताओं से बिजली के बिल वसूले जाने चाहिए। जब ग्रामीण फीडर समाप्त हो जाए, तो शहरी अनुसूची के अनुसार संबंधित क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति की जानी चाहिए। संबंधित क्षेत्र को भी नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करना चाहिए। बिजली निगम के इस फैसले से करीब 2 करोड़ 85 लाख बिजली उपभोक्ता प्रभावित होंगे।

इकाई वर्तमान दर (Urban Domestic) एक लाख रु. 0-100.5.50/- प्रति यूनिट एक लाख रु. 101-150.5.50/- प्रति यूनिट एक लाख रु. 151-300.6.00/- प्रति यूनिट एक लाख रु. 300 रुपये से ऊपर। 6.50/- प्रति यूनिट घरेलू बीपीएल रु। 3.00/- प्रति यूनिट (upto 100 units) फिक्स्ड चार्ज रु। 110/- प्रति किलोवाट उपभोक्ता परिषद ने आपत्तियां उठाई, याचिका दायर की इसके तुरंत बाद विद्युत निगम ने ग्रामीण फीडरों को शहरी फीडरों में बदलने का प्रस्ताव पारित किया।
 उपभोक्ता परिषद ने पूरे मामले में नियामक आयोग में अवमानना याचिका दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि देश में विद्युत उपभोक्ता अधिकार अधिनियम 2020 लागू हो गया है, जिसमें धारा 10 सभी को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति प्रदान करती है। फिर उत्तर प्रदेश में शहरी आपूर्ति और ग्रामीण आपूर्ति के आधार पर दरें बढ़ाना आदर्श नहीं है।
 पहले से ही बिजली नियामक आयात में आपूर्ति के प्रकार को बदलकर आपूर्ति बढ़ाकर राज्य भर के उपभोक्ताओं से गलत तरीके से करोड़ों रुपये एकत्र किए जा रहे हैं। निदेशक मंडल की बैठक में बिजली वितरण निगमों को ग्रामीण फीडरों को समाप्त करने और उन्हें शहरी फीडरों में बदलने का अधिकार देना असंवैधानिक है। इससे उपभोक्ताओं के लिए बिजली की लागत बढ़ेगी। जबकि राज्य के बिजली उपभोक्ता पहले से ही बिजली वितरण निगमों में हैं

शनिवार को उपभोक्ता परिषद द्वारा आयोजित वेबिनार में राज्य भर के उपभोक्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया। उन सभी ने एक स्वर में मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया है। उपभोक्ताओं ने कहा कि नियामक आयोग के प्रदर्शन मानक विनियम 2019 का हवाला देते हुए हर स्तर पर ग्रामीण फीडरों को शहरी फीडरों में बदलने का विरोध किया जाएगा।