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कुश्ती संघ के निलंबन के बाद बृजभूषण और संजय सिंह पर खिलाडियों की पहली प्रतिकिरिया आई सामने 

 
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Wfi Election Suspend: मंत्रालय का कहना है कि WFI ने नियमों का सही से पालन नहीं किया है. मंत्रालय का आरोप है कि फेडरेशन ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की घोषणा में जल्दबाजी दिखाई है.

 pehalwaan on wfi suspension: खेल मंत्रालय ने संजय सिंह के नेतृत्व में भारतीय कुश्ती संघ (WFI) की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया है. सरकार के इस फैसले पर कुश्ती संघ के खिलाफ विरोध कर रहे पहलवानों ने खुशी जाहिर की है. उम्मीद जताई है कि पहलवानों को न्याय मिलेगा.

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मंत्रालय का कहना है कि WFI ने नियमों का सही से पालन नहीं किया है. मंत्रालय का आरोप है कि फेडरेशन ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की घोषणा में जल्दबाजी दिखाई है. इसके कारण नियमों का सही से पालन नहीं किया गया है. 

#बजरंग पूनिया

आजतक से बात करते हुए बजरंग पूनिया ने आरोप लगाया कि बृजभूषण के घर से आज भी WFI चल रहा है. और आप लोगों ने देख भी लिया होगा कि उसके पास कितनी ताकत है. पूनिया ने कहा, 

“देखिए हम लोगों पर ना जाने कितने इल्जाम लगाए गए हैं. राजनीति के, जात-पात के, राज्यों को लेकर यूपी-हरियाणा. जब हम मेडल जीतते हैं तब हम देश के होते हैं. जब हम खिलाड़ी मेडल जीतते हैं तो जात-पात नहीं देखते हैं. हम एक अखाड़े में रहते हैं और एक थाली में रोटी खाते हैं. ना जाने कितने आरोप हमपर लगाए गए हैं.”

बजरंग ने इस फैसले के बाद एक बार फिर बृजभूषण सिंह पर सवाल उठाया. वो आगे कहते हैं, 

“क्या बृजभूषण आज बीजेपी से भी बड़ा हो गया है? क्या सरकार से भी बड़ा है बृजभूषण. उन्होंने कहा कि जो बॉडी बनाई जाती है वो पहलवानों, खिलाड़ियों की मदद के लिए बनाई जाती है लेकिन ये खुल कर कह रहे हैं कि दबदबा था, दबदबा है और दबदबा रहेगा. उनके बेटे ने सोशल मीडिया पर ये डाला है. पहलवान तो पहले से ही कह रहे हैं कि अच्छे लोग आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे.”

#गीता फोगाट

इधर गीता फोगाट ने भी अपने 'X' अकाउंट पर पोस्ट पर लिखा कि खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है. भले ही देर से पर पहलवानों को इंसाफ मिलने की एक उम्मीद जागी है. 

#विनेश फोगाट

सरकार के फैसले के बाद विनेश फोगाट ने कहा कि कुश्ती संघ में ऐसे लोगों को होना चाहिए जो महिलाओं के लिए सही हो. इंडिया टुडे से फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा, 

“हम महिला रेस्लर हों, महिला खिलाड़ी हों, अगर हम हार रहे हैं तो देश की महिलाओं को आवाज उठाने में सालों लग जाएंगे. हम शुरुआत से ये बात कह रहे हैं कि WFI में ऐसे लोग आने चाहिए कि जो पहलवानों और महिलाओं के लिए अच्छा हो. हमने जो सालों तक झेला है वो आगे आने वाले बच्चे ना झेलें."