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हरियाणा शिक्षा बोर्ड का विद्यार्थियों के लिए आया बड़ा अपडेट, अब पढ़ना पड़ेगा ये नया सब्जेक्ट

हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड (HSEB) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर काम कर रहा है। इस अवधि में कई परिवर्तन हुए हैं। इस संबंध में नया सत्र कक्षा 10वीं और 12वीं की शिक्षा प्रणाली में भी बदलाव ला सकता है।
 
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indiah1, Haryana News: हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का शेड्यूल जारी कर दिया है। ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किए जाएंगे। इसके तहत छात्रों को कक्षा 10 में तीन से चार अतिरिक्त विषयों का अध्ययन करना पड़ सकता है। इसके साथ ही कक्षा 12 में कला, वाणिज्य और विज्ञान विषयों की एक समूह प्रणाली होने जा रही है। इन सब पर चर्चा करने के लिए विषय विशेषज्ञ शुक्रवार को हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन में मिलेंगे।

विचार-मंथन बैठक के बाद, जिस मसौदे पर सभी सहमत होंगे, उसे बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद ये बदलाव लागू हो जाएंगे। नए बदलाव कक्षा 9 और 11 से लागू किए जाएंगे ताकि बच्चे उसी के अनुसार कक्षा 10 और 12 में जा सकें।

हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड (HSEB) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर काम कर रहा है। इस अवधि में कई परिवर्तन हुए हैं। इस संबंध में नया सत्र कक्षा 10वीं और 12वीं की शिक्षा प्रणाली में भी बदलाव ला सकता है।

शुक्रवार को हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड में होने वाली विचार-मंथन बैठक में लगभग 100 विषय विशेषज्ञों को बुलाया गया है, जिसमें प्रश्न पत्र डिजाइन, ब्लूप्रिंट, पाठ्यक्रम, परीक्षा का स्तर आदि जैसे विषय शामिल हैं। मंथन किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत क्या बदलाव किए जा सकते हैं, इस पर भी चर्चा होगी।

वर्तमान में, कक्षा 10 में 5 अनिवार्य विषय और एक वैकल्पिक विषय है। नई प्रणाली के तहत इसमें एक नया विषय पर्यावरण विज्ञान जोड़ा जा सकता है। बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर ध्यान दिया जाएगा। 3 भाषा विषयों को अनिवार्य बनाया जा सकता है। वर्तमान में, कक्षा 10 में दो भाषा विषय-अंग्रेजी और हिंदी-अनिवार्य हैं।

इसमें संस्कृत, उर्दू और पंजाबी भाषा के विषय भी शामिल होंगे, जिनमें से छात्र कोई भी विषय चुन सकता है। इसके अलावा 3 अन्य विषयों को भी शामिल किया जा सकता है, जो आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित होंगे। इसका मतलब है कि इन 3 विषयों को केवल स्कूलों द्वारा पढ़ाया जाएगा और स्कूल अपने स्तर पर उनकी जांच करेंगे। इनमें शारीरिक शिक्षा, कला संकाय और व्यावसायिक शिक्षा शामिल हैं।