Haryana News: हरियाणा के अस्थायी कर्मचारी होंगे स्थायी, इस दिन लगेगी एक लाख से ऊपर कर्मचारियों की किस्मत पर पक्की मोहर
हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्टेड कर्मचारियों को नियमित करने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे कई कर्मचारी हैं जो विभागों में काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट नहीं किया गया है, उन पर अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।
Updated: Jul 27, 2024, 14:55 IST
Haryana News: हरियाणा के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में 5 अगस्त को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी दिए जाने की संभावना है। इस बैठक में, यह भी तय किया जाना है कि कितने वर्षों की सेवा वाले कर्मचारियों को नियमितकरण. में शामिल किया जाना है। 5 साल, 7 साल, 10 साल। यह भी तय किया जाना है कि किन कर्मचारियों को नियमित किया जाना है।
अब तक की चर्चा के अनुसार, हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्टेड कर्मचारियों को नियमित करने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे कई कर्मचारी हैं जो विभागों में काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट नहीं किया गया है, उन पर अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।
सरकार पहले ही एक समिति का गठन कर चुकी है।
हरियाणा सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है। वरिष्ठ अधिकारियों की इस समिति की पहली बैठक 26 जुलाई को हुई थी।
बैठक में पंजाब की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा की गई। हालांकि पहली बैठक में नीति के मसौदे पर ज्यादा चर्चा नहीं हो सकी, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि पर चर्चा की गई। समिति की दूसरी या तीसरी बैठक में नीति का मसौदा तैयार किया जा सकता है।
आई. ए. एस. अधिकारी इस समिति के सदस्य हैं।
समिति के अन्य सदस्यों में प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार, प्रधान सचिव डॉ. डी. सुरेश, आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मानव संसाधन विभाग के महानिदेशक जे गणेशन, वित्त विभाग के विशेष सचिव पंकज, मानव संसाधन विभाग के विशेष सचिव डॉ. आदित्य दहिया, स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र दरिया और डी. ए. राजेंद्र वर्मा शामिल हैं।
इस समिति का गठन मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने किया था। सरकार ने कहा है कि यह समिति अनुबंध पर सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के लिए एक मसौदा नीति पर चर्चा करेगी और तैयार करेगी।
पंजाब नीति पर हुई चर्चा
महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने पंजाब की नीति का उल्लेख किया है, इसलिए इस नीति के अच्छे बिंदुओं को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि अधिक से अधिक अस्थायी कर्मचारियों को इस नीति का लाभ मिले। लेकिन बहुत कुछ अधिकारियों की समिति के मसौदे पर भी निर्भर करेगा।
अब तक की चर्चा के अनुसार, हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्टेड कर्मचारियों को नियमित करने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे कई कर्मचारी हैं जो विभागों में काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट नहीं किया गया है, उन पर अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।
सरकार पहले ही एक समिति का गठन कर चुकी है।
हरियाणा सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है। वरिष्ठ अधिकारियों की इस समिति की पहली बैठक 26 जुलाई को हुई थी।
बैठक में पंजाब की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा की गई। हालांकि पहली बैठक में नीति के मसौदे पर ज्यादा चर्चा नहीं हो सकी, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि पर चर्चा की गई। समिति की दूसरी या तीसरी बैठक में नीति का मसौदा तैयार किया जा सकता है।
आई. ए. एस. अधिकारी इस समिति के सदस्य हैं।
समिति के अन्य सदस्यों में प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार, प्रधान सचिव डॉ. डी. सुरेश, आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मानव संसाधन विभाग के महानिदेशक जे गणेशन, वित्त विभाग के विशेष सचिव पंकज, मानव संसाधन विभाग के विशेष सचिव डॉ. आदित्य दहिया, स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र दरिया और डी. ए. राजेंद्र वर्मा शामिल हैं।
इस समिति का गठन मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने किया था। सरकार ने कहा है कि यह समिति अनुबंध पर सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के लिए एक मसौदा नीति पर चर्चा करेगी और तैयार करेगी।
पंजाब नीति पर हुई चर्चा
महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने पंजाब की नीति का उल्लेख किया है, इसलिए इस नीति के अच्छे बिंदुओं को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि अधिक से अधिक अस्थायी कर्मचारियों को इस नीति का लाभ मिले। लेकिन बहुत कुछ अधिकारियों की समिति के मसौदे पर भी निर्भर करेगा।