Haryana में अब असिस्टेंट इंजीनियर पद के लिए हुई भर्ती प्रक्रिया पर हाई कोर्ट ने उठाए सवाल
Haryana News, चंडीगढ़: असिस्टेंट इंजीनियर पद की नियुक्ति प्रक्रिया में चयन के मानदंड तय करने के लिए बुलाई गई बैठक का रिकार्ड मिलने लेकिन बैठक के लिए सदस्यों को नोटिस, एजेंडा, नोटिंग आदि का रिकार्ड नहीं मिलने पर हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाई कोर्ट ने अब एचपीएससी से पूछा है कि आखिर क्यों चयन के मानदंड अंतिम तिथि से पहले न तय करके आवेदन की अंतिम तिथि के कई महीने बाद मानदंड तय किए गए हैं।
याचिका दाखिल करते हुए फरीदाबाद निवासी अरविंद ने एडवोकेट हिमांशु अरोड़ा के माध्यम से हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा लोक सेवा आयोग ने असिस्टेंट इंजीनियर के सात पदों के लिए आवेदन मांगे थे। आवेदन की अंतिम तिथि आठ मार्च 2016
* कहा- मानदंड तय करने के लिए बैठक होने का रिकार्ड, बैठक बुलाने और एजेंडा का क्यों नहीं आवेदन की अंतिम तिथि के सात माह बाद मानदंड तय करने और इसकी प्रक्रिया सवालों के घेरे में
थी जिसे अवैध तरीके से बढ़ा कर 31 जुलाई 2017 कर दिया गया। इसके बाद आठ फरवरी 2018 को लिखित परीक्षा व पांच मार्च 2018 को साक्षात्कार हुआ। नी मार्च को जारी परिणाम में याची को एससी वर्ग के दो आरक्षित पदों में से एक लिए चयनित कर लिया गया। इसके बाद जब नियुक्ति की बारी आई तो दोबारा रिजल्ट जारी कर याची को इससे बाहर कर दिया गया। सिंगल बेंच के समक्ष आयोग ने कहा था कि 16 फरवरी 2018 को आयोग की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक
चयन के मानदंड तय किए गए और फैसला लिया गया कि पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए दो अंकों का लाभ दिया जाएगा। इन अंकों को किसे दिया जाएगा इसपर विभाग से स्पष्टीकरण मांगा गया था और इसको लेकर स्थिति स्पष्ट न होने के चलते नौ मार्च को जारी परिणाम में याची को चयनित दर्शाया गया। बाद में आयोग ने पाया कि अन्य आवेदक दो अंकों का लाभ पाकर मेरिट में ऊपर आ गया और उसे नियुक्ति दे दी गई। सिंगल बेंच ने आयोग के फैसले को सही मानते हुए याची का दावा अस्वीकार कर दिया था। सिंगल बेंच के फैसले को खखंडपीठ में चुनौती दी गई तो हाई कोर्ट ने सवाल किया कि जब बैठक का रिकार्ड है तो इसे बुलाने से जुड़ा रिकार्ड क्यों नहीं है। हाई कोर्ट ने आयोग को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।