SBI-PNB के साथ सभी लेन-देन पर तत्काल रोक का आदेश, इस राज्य में सरकार का बड़ा फेंसला...जानिए वजह
सरकार ने यह फैसला क्यों लिया?
सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन दोनों बैंकों में कोई जमा या निवेश नहीं किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार में वित्त विभाग के सचिव डॉ. पी. सी. जाफर द्वारा जारी यह निर्देश इन दोनों बैंकों में जमा सरकारी धन के गबन के आरोपों के बीच आया है। एक सख्त बयान में सरकार ने कहा कि कथित दुरुपयोग के बारे में कई चेतावनियों के बावजूद, एसबीआई और पीएनबी ने अपनी ओर से कोई कदम नहीं उठाया है, जिसके कारण यह निर्णय लिया गया है।
निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया
राज्य सरकार के सभी विभागों, सार्वजनिक उद्यमों, सभी निगमों और स्थानीय निकायों, विश्वविद्यालयों और उनके द्वारा संचालित अन्य संस्थानों को अपने भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक खातों को बंद करना होगा और अपनी जमा राशि निकालनी होगी। कर्नाटक में सरकारी विभागों के अधिकांश खाते इन दोनों बैंकों में संचालित किए जा रहे हैं। अब, सरकार द्वारा एसबीआई और पीएनबी में धन के गबन के गंभीर आरोपों के साथ, इन निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है ताकि दोनों बैंकों में राज्य सरकार के विभाग अपना पैसा न डालें और किसी भी प्रकार का लेनदेन न करें।
इसके साथ ही सीएम सिद्धारमैया के आदेशानुसार वित्त विभाग के सचिव डॉ जाफर ने ये निर्देश भी जारी किए हैं कि इन दोनों बैंकों में रखी सभी FD को 9 सितंबर तक बंद करा लिया जाए.
देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है एसबीआई
गौरतलब है कि सरकारी विभागों के ज्यादातर फाइनेंशियल काम-काज इन्हीं दो बैंकों के साथ हो रहे थे. दरअसल, SBI देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 7.17 लाख करोड़ रुपये है. वहीं पंजाब नेशनल बैंक दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है और इसकी मार्केट वैल्यू 1.25 लाख करोड़ रुपये है.राज्य सरकार के कर्मचारियों की पेंशन हो या फिर अन्य फाइनेंशियल काम आमतौर पर इन्हीं दोंनों सरकारी बैंकों में प्रमुखता से किए जाते हैं.
कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है और बीते साल मई 2023 में उन्होंने दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. सिद्धारमैया कर्नाटक के 30वें सीएम हैं. इससे पहले सिद्धारमैया का पहला कार्यकाल साल 2013 से साल 2018 तक रहा था.