Vegetable Prices Hike: आलू-प्याज और टमाटर के दाम ने तोड़े रिकॉर्ड, हुए इतने महंगें की एक किलो के बदले आ जाये 2 लीटर पेट्रोल
देश में महंगाई फिर से बढ़ने लगी है। सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में टमाटर, प्याज और धनिया जैसी सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं।
Jul 5, 2024, 08:27 IST
Vegetable Prices : देश में महंगाई फिर से बढ़ने लगी है। सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में टमाटर, प्याज और धनिया जैसी सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं। खुदरा कीमतों में कीमतें 15 प्रतिशत बढ़कर 58 प्रतिशत हो गई हैं। हालांकि, केंद्र सरकार का दावा है कि यह स्थिति कुछ दिनों के लिए ही है। आलू को छोड़कर सभी सब्जियों के दाम कम हो जाएंगे। पिछले एक महीने में टमाटर की कीमतों में 65.70 फीसदी, प्याज में 35.36 फीसदी और आलू की कीमतों में 17.57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
3 जुलाई 2024 को, पूरे भारत में टमाटर की खुदरा औसत कीमत रु। 55.04/किग्रा वहीं, 3 जून 2204 को इसकी कीमत 34,73 रुपये प्रति किलोग्राम थी। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, इसमें 58.48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, पिछले साल 3 जुलाई 2023 को इसकी कीमत 67.57 किलोग्राम थी। जुलाई के अंत तक और 2023 में अगस्त के पहले हफ्तों में, टमाटर की कीमतें कई क्षेत्रों में 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं।
प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। 2 जुलाई, 2024 को देश भर में प्याज की खुदरा औसत कीमत 42.46 रुपये प्रति किलोग्राम थी। वहीं, पिछले महीने 3 जून 2024 को इसकी कीमत 32.39 रुपये थी। कुल मिलाकर, पिछले एक महीने में 31.09 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। वहीं, एक साल पहले इसी तारीख को प्याज की कीमत 25.04 रुपये प्रति किलोग्राम थी। ऐसे में पिछले एक साल की तुलना में प्याज की कीमत में 69.57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
आलू
आलू के दाम भी बढ़ गए हैं। 3 जुलाई, 2024 को देश में आलू की खुदरा औसत कीमत 1,50,000 रुपये तक पहुंच गई। 34.65/- है। वहीं, एक महीने पहले इसी तारीख (3 जून 2024) को इसकी कीमत 29.97 रुपये प्रति किलोग्राम थी। पिछले साल इसी तारीख (3 जून 2023) को आलू की कीमत रु। 22.98/किग्रा आलू की कीमत में पिछले महीने की तुलना में 15.62 प्रतिशत और पिछले साल की तुलना में 50.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आलू की कीमतों में कोई राहत नहीं
इस बीच, केंद्र सरकार ने कहा है कि स्थिति को जल्द ही नियंत्रण में लाया जाएगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का कहना है कि यह स्थिति कुछ दिनों तक बनी रहेगी। आने वाले दिनों में प्याज और टमाटर की कीमतों में कमी आने की संभावना है। हालांकि, इस मौसम में आलू की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक टमाटर की कीमत में बढ़ोतरी मौसम की वजह से हुई है। इस बार पिछले साल जैसी स्थिति नहीं होगी। मंत्रालय को उम्मीद है कि कर्नाटक जैसे राज्यों में टमाटर की दूसरी फसल शुरू हो गई है। ऐसे में जैसे ही टमाटर की आवक बढ़ेगी, इसकी कीमत गिर सकती है।
3 जुलाई 2024 को, पूरे भारत में टमाटर की खुदरा औसत कीमत रु। 55.04/किग्रा वहीं, 3 जून 2204 को इसकी कीमत 34,73 रुपये प्रति किलोग्राम थी। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, इसमें 58.48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, पिछले साल 3 जुलाई 2023 को इसकी कीमत 67.57 किलोग्राम थी। जुलाई के अंत तक और 2023 में अगस्त के पहले हफ्तों में, टमाटर की कीमतें कई क्षेत्रों में 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं।
प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। 2 जुलाई, 2024 को देश भर में प्याज की खुदरा औसत कीमत 42.46 रुपये प्रति किलोग्राम थी। वहीं, पिछले महीने 3 जून 2024 को इसकी कीमत 32.39 रुपये थी। कुल मिलाकर, पिछले एक महीने में 31.09 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। वहीं, एक साल पहले इसी तारीख को प्याज की कीमत 25.04 रुपये प्रति किलोग्राम थी। ऐसे में पिछले एक साल की तुलना में प्याज की कीमत में 69.57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
आलू
आलू के दाम भी बढ़ गए हैं। 3 जुलाई, 2024 को देश में आलू की खुदरा औसत कीमत 1,50,000 रुपये तक पहुंच गई। 34.65/- है। वहीं, एक महीने पहले इसी तारीख (3 जून 2024) को इसकी कीमत 29.97 रुपये प्रति किलोग्राम थी। पिछले साल इसी तारीख (3 जून 2023) को आलू की कीमत रु। 22.98/किग्रा आलू की कीमत में पिछले महीने की तुलना में 15.62 प्रतिशत और पिछले साल की तुलना में 50.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आलू की कीमतों में कोई राहत नहीं
इस बीच, केंद्र सरकार ने कहा है कि स्थिति को जल्द ही नियंत्रण में लाया जाएगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का कहना है कि यह स्थिति कुछ दिनों तक बनी रहेगी। आने वाले दिनों में प्याज और टमाटर की कीमतों में कमी आने की संभावना है। हालांकि, इस मौसम में आलू की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक टमाटर की कीमत में बढ़ोतरी मौसम की वजह से हुई है। इस बार पिछले साल जैसी स्थिति नहीं होगी। मंत्रालय को उम्मीद है कि कर्नाटक जैसे राज्यों में टमाटर की दूसरी फसल शुरू हो गई है। ऐसे में जैसे ही टमाटर की आवक बढ़ेगी, इसकी कीमत गिर सकती है।