Haryana News: हरियाणा में शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों की की हो गई मौज, सैनी सरकार ने दी फुल पावर
नगरपालिका के पार्षद को तिमाही बैठक में भाग लेने के लिए 1600 रुपये की बैठक भत्ता राशि मिलेगी। इसी तरह, नगर परिषद के पार्षद को 2400 रुपये और नगर निगम के पार्षद को 3000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा।
Jul 26, 2024, 10:01 IST
Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के पार्षदों की शक्तियों को बढ़ाने और बैठक भत्ता शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा कि वार्ड समिति के गठन तक समिति की पूरी शक्ति अब संबंधित वार्ड के पार्षदों के पास होगी ताकि वार्ड में विकास कार्यों को और तेज किया जा सके। इसके अलावा, जब तक वार्ड समिति में सचिव की नियुक्ति नहीं की जाती है या यदि सचिव किसी कारण से बैठक से अनुपस्थित रहता है, तो ऐसी स्थिति में पार्षद को किसी भी स्नातक व्यक्ति से बैठक की कार्यवाही करने के लिए प्रति बैठक 1000 रुपये का पारिश्रमिक देने का भी अधिकार होगा। इसके अलावा वार्ड समिति की प्रत्येक तिमाही बैठक के लिए अध्यक्ष के रूप में पार्षद को बैठने का भत्ता भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री हिसार में आयोजित राज्य स्तरीय शहरी स्थानीय निकायों के जन प्रतिनिधियों के सम्मेलन में राज्य भर के जन प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
नगरपालिका प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निगम प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने के लिए शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा के नेतृत्व में एक समिति गठित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। नायब सिंह ने घोषणा की कि अब से, नगरपालिका के पार्षद को तिमाही बैठक में भाग लेने के लिए 1600 रुपये की बैठक भत्ता राशि मिलेगी। इसी तरह, नगर परिषद के पार्षद को 2400 रुपये और नगर निगम के पार्षद को 3000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा।
नगरपालिका प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निगम प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने के लिए शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा के नेतृत्व में एक समिति गठित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। नायब सिंह ने घोषणा की कि अब से, नगरपालिका के पार्षद को तिमाही बैठक में भाग लेने के लिए 1600 रुपये की बैठक भत्ता राशि मिलेगी। इसी तरह, नगर परिषद के पार्षद को 2400 रुपये और नगर निगम के पार्षद को 3000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा।
इसके अलावा 15 अगस्त और 26 जनवरी को कार्यक्रम में मुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री के आने पर नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के पार्षदों को कार्यक्रम के आयोजन के लिए क्रमशः 30 हजार, 20 हजार और 10 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
पार्षद अपने-अपने वार्डों में सभी विकास कार्यों की निगरानी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरपालिकाओं के सभी पार्षद अपने-अपने वार्डों में सभी प्रकार के कार्यों की निगरानी करेंगे, जिसमें वार्ड के विकास कार्यों का बजट बनाना या आवश्यकता के अनुसार इसमें बदलाव करना, स्वच्छता का प्रबंधन, भूमि विकास या सीएलयू और ज़ोनिंग योजना कार्य, खेल के मैदानों, सड़कों और स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव, स्वास्थ्य केंद्रों की गतिविधियों की निगरानी, जलापूर्ति, स्वच्छता प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य और शहरी क्षेत्रों में गरीब लोगों को बुनियादी सेवाओं का प्रावधान शामिल है। उन्होंने कहा कि अब विभिन्न विभागों के संबंधित कर्मचारियों के लिए वार्ड समिति की बैठक में भाग लेना अनिवार्य होगा। नगरपालिकाओं के पार्षदों को आयुष्मान भारत-चिरायु योजना के तहत चिकित्सा सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा।
पार्षदों को शहरों की सरकार बताते हुए नायब सिंह ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर विशेष जोर दे रही है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, हिसार और पंचकूला के विकास के लिए महानगर विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। इतना ही नहीं, महापौर सहित नगर निगम, नगर परिषदों और समितियों के सदस्यों के मानदेय में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों की शक्तियों के विकेंद्रीकरण के लिए भी कई कदम उठाए हैं। हमने सीधे महापौर का चुनाव किया है।
सैनी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के पास बोलने के लिए कुछ नहीं है, वे केवल झूठ बोलने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं ने पिछले दिनों चुनाव में भी झूठ बोलकर आम जनता को बरगलाने का काम किया। उन्होंने झूठ बोला कि अगर नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए तो संविधान को खत्म कर देंगे, जबकि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में यह देश संविधान के अनुरूप चला है।
पार्षद अपने-अपने वार्डों में सभी विकास कार्यों की निगरानी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरपालिकाओं के सभी पार्षद अपने-अपने वार्डों में सभी प्रकार के कार्यों की निगरानी करेंगे, जिसमें वार्ड के विकास कार्यों का बजट बनाना या आवश्यकता के अनुसार इसमें बदलाव करना, स्वच्छता का प्रबंधन, भूमि विकास या सीएलयू और ज़ोनिंग योजना कार्य, खेल के मैदानों, सड़कों और स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव, स्वास्थ्य केंद्रों की गतिविधियों की निगरानी, जलापूर्ति, स्वच्छता प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य और शहरी क्षेत्रों में गरीब लोगों को बुनियादी सेवाओं का प्रावधान शामिल है। उन्होंने कहा कि अब विभिन्न विभागों के संबंधित कर्मचारियों के लिए वार्ड समिति की बैठक में भाग लेना अनिवार्य होगा। नगरपालिकाओं के पार्षदों को आयुष्मान भारत-चिरायु योजना के तहत चिकित्सा सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा।
पार्षदों को शहरों की सरकार बताते हुए नायब सिंह ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर विशेष जोर दे रही है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, हिसार और पंचकूला के विकास के लिए महानगर विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। इतना ही नहीं, महापौर सहित नगर निगम, नगर परिषदों और समितियों के सदस्यों के मानदेय में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों की शक्तियों के विकेंद्रीकरण के लिए भी कई कदम उठाए हैं। हमने सीधे महापौर का चुनाव किया है।
सैनी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के पास बोलने के लिए कुछ नहीं है, वे केवल झूठ बोलने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं ने पिछले दिनों चुनाव में भी झूठ बोलकर आम जनता को बरगलाने का काम किया। उन्होंने झूठ बोला कि अगर नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए तो संविधान को खत्म कर देंगे, जबकि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में यह देश संविधान के अनुरूप चला है।
प्रधानमंत्री ने तीसरी बार शपथ लेते ही सबसे पहला काम किसानों को लाभ देने का किया। दूसरी बार गरीबों को छत मिले, इसके लिए कलम चली। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग आज हमसे हिसाब मांगते हैं, जबकि जनता ने ही उन्हें तीसरी बार विपक्ष में बिठाकर हिसाब दे दिया है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि वे दिल में कसक और चेहरे पर नकाब लिए फिरते हैं, जिनके खुद के खाते खराब हैं वो हमारा हिसाब लिए फिरते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय नौकरियों की बोली लगती थी और पैसे वाले नौकरियां ले जाते थे। जबकि हमारी सरकार में बिना पर्ची बिना खर्ची युवा मेरिट पर नौकरी लग रहे हैं और आज गरीब का बच्चा भी हरियाणा में एचसीएस अधिकारी लग रहे हैं।
30 अधिकारियों को सस्पेंड किया
इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा लगभग 9 वर्षों तक सबका साथ-सबका विकास के साथ बहुत से विकासात्मक कार्य किए गए। अब वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह के नेतृत्व में विकास कार्यों को और गति प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 800 अनधिकृत कॉलोनियों को अप्रूव किया जा चुका है। बकाया प्रॉपर्टी टैक्स भरने में भी 15 प्रतिशत की छूट दी गई है। साथ ही गांव और शहर को लाल डोरा से मुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 20 निकायों में उन्हें जाने का मौका मिला है और जहां पर भी पार्षदों से शिकायत मिली है ऐसे लगभग 30 अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी हमारे चुने हुए प्रतिनिधियों का मान सम्मान में कोताही बरतेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों को कई सौगात देते हुए उनका मान सम्मान भी बढ़ाने का कार्य करेंगे।