Haryana News: हरियाणा में युवाओं के लिए बुरी खबर, ग्रुप सी व डी के 53 हजार पदों की भर्ती का रिजल्ट रद्द, जानें अब आगे क्या होगा?
Jun 4, 2024, 14:30 IST
Haryana news: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने ग्रुप सी और डी के 53 हजार पदों के लिए आयोजित परीक्षा के परिणामों को रद्द कर दिया है। सरकार ने सरकार के समय में काम किया है और आर्थिक आधार पर मिलाया गया है 5 नंबरों के लाभ
उच्च न्यायालय ने सभी पदों के लिए नए आवेदन आमंत्रित करने और 6 महीने के भीतर भर्ती पूरी करने का आदेश दिया है। अदालत के आदेश के अनुसार, जिन 23 हजार कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है, वे नई संगठित भर्ती के पूरा होने तक सेवा में रहेंगे। दिल्ली सरकार आयोजीत परीक्षा में पास होकर अपना स्थान नहीं बनाती है।
सामाजिक और आर्थिक आधार पर देश को लेखन के जरीए विशिष्ट देश में सिर्फ एक ही बात नहीं कही जा सकती। जब राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के तहत आरक्षण का लाभ दिया है, तो यह कृत्रिम श्रेणी क्यों बनाई जा रही है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह लाभ देने से पहले कोई आंकड़ा एकत्र नहीं किया गया था और कोई आयोग नहीं बनाया गया था। इस प्रकार, पहले सीईटी में पांच अंकों का लाभ और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंक का लाभ भर्ती के परिणाम को पूरी तरह से बदल देगा। इन अंकों का लाभ देते हुए हम सभी के लिए सोचेंगे (पीपीपी) आधार को ही योग मन गया है जो संवाद के लिए नहीं है।
नियुक्ति में कोई भी लाभ राज्य के लोगों तक ही सीमित नहीं रह सकता है। अध्ययन 15 और 16 वर्ष की समाप्ति के बाद भारत में पहले स्थान पर है। जहां सभी नागरिक रोजगार के हकदार हैं, वहां राज्य सरकार को सार्वजनिक रोजगार में नागरिकता के आधार पर विशेष आरक्षण लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
लेखकों के जीवन की रक्षा करने के लिए लेखकों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। पारदर्शिता और एकरूपता बनाए रखने के लिए, उच्च न्यायालय ने आयोग को अपने अधिकारियों और सदस्यों को अपनी मर्जी से निर्णय लेने का अधिकार दिए बिना अपनी परीक्षाओं के संचालन के लिए नियम बनाने का निर्देश दिया है।
भर्ती प्रक्रिया के बारे में प्रश्न
इस तरह की भारतीय भाषा में भारत की ओर से भी ऐसी ही बातें कही जाती हैं। कुछ श्रेणियों में, पदों के लिए और भी कम आवेदकों को चुना गया था। जब दो से 10 गुना ज्यादा काम किए गए थे तो कुछ भी किया गया था।
23 हजार पद भरे जा चुके हैं।
हरियाणा सरकार ने 401 करोड़ रुपये की कमाई की है। इसी प्रकार की भर्तियों को जोड़कर आयोग ने इन श्रेणियों के कुल 63 समूह बनाए थे।
इसी श्रेणी में ग्रुप सी के 32 हजार पद और टीजीटी के 7471 पद हैं। इनके अलावा ग्रुप डी के 13 हजार से अधिक पद हैं। इनमें से ग्रुप सी के 10 हजार पद और ग्रुप डी के 13 पद भी अंतिम परिणाम जारी होने के बाद नियुक्त किए गए हैं।
यही विवाद था।
राज्य सरकार ने सामाजिक और आर्थिक मामलों पर सार्वजनिक कार्रवाई की है। सरकार ने ग्रुप सी और डी के पदों को भरने के लिए संयुक्त पात्रता परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा का परिणाम जारी करते समय आर्थिक और सामाजिक आधार पर पाँच अंकों का लाभ दिया गया था।
बाद में यह पाया गया कि कुछ आवेदकों का दावा गलत है। इसके बाद आयोग ने आवेदकों को दावा वापस लेने का अवसर दिया। अंतिम परिणाम 25 जुलाई 2023 को जारी किया गया था और 6223 आवेदकों ने 27 जुलाई 2023 को दावा वापस ले लिया था। इसी के साथ मैं अपने देश में एक नया देश बना रहा हूं, और इसी के साथ एक नया देश बना रहा हूं।
27 जुलाई को 6223 लोगों ने समय के साथ-साथ अर्थिक आधार पर भी काम किया। ऐसे में 25 जुलाई के नतीजों को अंतिम कैसे माना जा सकता है।
उच्च न्यायालय ने सभी पदों के लिए नए आवेदन आमंत्रित करने और 6 महीने के भीतर भर्ती पूरी करने का आदेश दिया है। अदालत के आदेश के अनुसार, जिन 23 हजार कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है, वे नई संगठित भर्ती के पूरा होने तक सेवा में रहेंगे। दिल्ली सरकार आयोजीत परीक्षा में पास होकर अपना स्थान नहीं बनाती है।
सामाजिक और आर्थिक आधार पर देश को लेखन के जरीए विशिष्ट देश में सिर्फ एक ही बात नहीं कही जा सकती। जब राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के तहत आरक्षण का लाभ दिया है, तो यह कृत्रिम श्रेणी क्यों बनाई जा रही है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह लाभ देने से पहले कोई आंकड़ा एकत्र नहीं किया गया था और कोई आयोग नहीं बनाया गया था। इस प्रकार, पहले सीईटी में पांच अंकों का लाभ और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंक का लाभ भर्ती के परिणाम को पूरी तरह से बदल देगा। इन अंकों का लाभ देते हुए हम सभी के लिए सोचेंगे (पीपीपी) आधार को ही योग मन गया है जो संवाद के लिए नहीं है।
नियुक्ति में कोई भी लाभ राज्य के लोगों तक ही सीमित नहीं रह सकता है। अध्ययन 15 और 16 वर्ष की समाप्ति के बाद भारत में पहले स्थान पर है। जहां सभी नागरिक रोजगार के हकदार हैं, वहां राज्य सरकार को सार्वजनिक रोजगार में नागरिकता के आधार पर विशेष आरक्षण लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
लेखकों के जीवन की रक्षा करने के लिए लेखकों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। पारदर्शिता और एकरूपता बनाए रखने के लिए, उच्च न्यायालय ने आयोग को अपने अधिकारियों और सदस्यों को अपनी मर्जी से निर्णय लेने का अधिकार दिए बिना अपनी परीक्षाओं के संचालन के लिए नियम बनाने का निर्देश दिया है।
भर्ती प्रक्रिया के बारे में प्रश्न
इस तरह की भारतीय भाषा में भारत की ओर से भी ऐसी ही बातें कही जाती हैं। कुछ श्रेणियों में, पदों के लिए और भी कम आवेदकों को चुना गया था। जब दो से 10 गुना ज्यादा काम किए गए थे तो कुछ भी किया गया था।
23 हजार पद भरे जा चुके हैं।
हरियाणा सरकार ने 401 करोड़ रुपये की कमाई की है। इसी प्रकार की भर्तियों को जोड़कर आयोग ने इन श्रेणियों के कुल 63 समूह बनाए थे।
इसी श्रेणी में ग्रुप सी के 32 हजार पद और टीजीटी के 7471 पद हैं। इनके अलावा ग्रुप डी के 13 हजार से अधिक पद हैं। इनमें से ग्रुप सी के 10 हजार पद और ग्रुप डी के 13 पद भी अंतिम परिणाम जारी होने के बाद नियुक्त किए गए हैं।
यही विवाद था।
राज्य सरकार ने सामाजिक और आर्थिक मामलों पर सार्वजनिक कार्रवाई की है। सरकार ने ग्रुप सी और डी के पदों को भरने के लिए संयुक्त पात्रता परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा का परिणाम जारी करते समय आर्थिक और सामाजिक आधार पर पाँच अंकों का लाभ दिया गया था।
बाद में यह पाया गया कि कुछ आवेदकों का दावा गलत है। इसके बाद आयोग ने आवेदकों को दावा वापस लेने का अवसर दिया। अंतिम परिणाम 25 जुलाई 2023 को जारी किया गया था और 6223 आवेदकों ने 27 जुलाई 2023 को दावा वापस ले लिया था। इसी के साथ मैं अपने देश में एक नया देश बना रहा हूं, और इसी के साथ एक नया देश बना रहा हूं।
27 जुलाई को 6223 लोगों ने समय के साथ-साथ अर्थिक आधार पर भी काम किया। ऐसे में 25 जुलाई के नतीजों को अंतिम कैसे माना जा सकता है।