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DA/DR: एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मियों-पेंशनरों उड़ गए होश,  6 अगस्त की शाम को18 माह के 'डीए' का एरियर पर सरकार ने दिया ये अपडेट 

 18 months DA :इन सवालों के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, "कोरोना काल के दौरान अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति के कारण डीए/डीआर को रोक दिया गया था। सरकार पर आर्थिक दबाव था। एन. सी. जे. सी. एम. सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों से इस संबंध में ज्ञापन प्राप्त हुए हैं। वर्तमान में इन भत्तों के बकाया का भुगतान करना संभव नहीं है।
 
एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों-पेंशनरों को तगड़ा झटका, सरकार नहीं देगी 18 माह के 'डीए' का एरियर
 18 months DA :.केंद्र सरकार ने अपने एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ा झटका दिया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में स्पष्ट किया कि कोरोना काल के दौरान सरकारी कर्मचारियों का 18 प्रतिशत डीए/डीआर अब नहीं दिया जाएगा। 
राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) कर्मचारी पक्ष के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने सचिव (पी) डीओपीटी से आग्रह किया था कि 18 महीने के डीए का बकाया कर्मचारियों का अधिकार है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कोरोना अवधि के दौरान रोके गए डीए/डीआर के बकाया को जारी किया जाना चाहिए।

राज्यसभा सदन में यह सवाल पूछा 
राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान और रामजी लाल शर्मा ने सदन में यह सवाल पूछा था कि क्या सरकार कर्मचारियों को कोरोना काल के दौरान रोके गए डीए/डीआर के बकाया भुगतान को जारी करने में सक्रिय है। दोनों सांसदों ने पूछा, "अगर सरकार यह भुगतान जारी नहीं कर रही है, तो क्या कारण है? भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस वर्ष डीए/डीआर जारी करने के संबंध में कर्मचारी संगठनों से कितने अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं? सरकार ने उनके लिए क्या किया है?

इन सवालों के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, "कोरोना काल के दौरान अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति के कारण डीए/डीआर को रोक दिया गया था। सरकार पर आर्थिक दबाव था। एन. सी. जे. सी. एम. सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों से इस संबंध में ज्ञापन प्राप्त हुए हैं। वर्तमान में इन भत्तों के बकाया का भुगतान करना संभव नहीं है।

आपको बता दें कि कोरोना काल में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को भुगतान रोककर 34,402.32 करोड़ रुपये बचाए। भारत पेंशनभोगी समाज के महासचिव एससी माहेश्वरी ने भी सरकार से कोरोना काल के दौरान रोके गए 18 महीने के डीए के बकाये को जारी करने का आग्रह किया है। डीए बकाया का मुद्दा पहले भी कई बार उठाया जा चुका है। नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के वरिष्ठ सदस्य और ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉइज फेडरेशन (एआईडीईएफ) के महासचिव सी श्रीकुमार ने कहा, "पुरानी पेंशन की बहाली और कई अन्य मांगों सहित कर्मियों के हितों से जुड़े मुद्दे लगातार उठाए जा रहे हैं।
 कर्मचारी डीए/डीआर के भुगतान के लिए 18 महीने से विरोध कर रहे हैं, जो कोरोना काल के दौरान बंद कर दिया गया था। कैबिनेट सचिव को नेशनल काउंसिल ऑफ स्टाफ साइड (जेसीएम) द्वारा 18 महीने के डीए बकाया के भुगतान के लिए लिखा गया था। इस संबंध में एक रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को भी सौंपी गई है। कर्मचारी संघों ने इस संबंध में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया था।

18 महीने के डीए बकाया का भुगतान करने की मांग
केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी लंबे समय से कोरोना काल के दौरान रोके गए 18 महीने के डीए बकाया का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने बजट सत्र में स्वीकार किया था कि डीए बकाया जारी करने के लिए कई कर्मचारी संगठनों से आवेदन प्राप्त हुए हैं। हालांकि, सरकार ने इस संबंध में कोई ठोस आश्वासन देने के बजाय स्पष्ट रूप से कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में डीए के बकाया को जारी करना व्यावहारिक नहीं है। यानी केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 34 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का DA/DR नहीं देगी। बजट सत्र के दौरान, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था, "अब भी, केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा एफआरबीएम अधिनियम में बताए गए स्तर से दोगुने से अधिक चल रहा है। ऐसी स्थिति में डीए/डीआर का बकाया देना संभव नहीं है। सी श्रीकुमार कहते हैं, "उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि ऐसे मामलों में कर्मचारी को छह प्रतिशत ब्याज के साथ इसका भुगतान करना होगा।

 महंगाई राहत की 3 किस्तों को रोक दिया था
कोरोना काल के दौरान, केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीनों के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की 3 किस्तों को रोक दिया था। उस समय सरकार ने कहा था कि आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठाया था। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें उनका बकाया मिलेगा, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। सी. श्रीकुमार के अनुसार, सरकार अपना दिमाग खो चुकी है। 2020 की शुरुआत में, केंद्र ने कोविड-19 की आड़ में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के डीए/डीआर पर रोक लगा दी थी। उस समय केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को 11 प्रतिशत डीए का भुगतान रोककर करोड़ों रुपये बचाए थे। इसके बाद कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने 18 महीने के बकाये के भुगतान के संबंध में सरकार को विभिन्न विकल्प सुझाए थे। इसमें बकाया राशि का एकमुश्त भुगतान शामिल था।

 देश के कर्मचारियों को 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता देगी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार देश के कर्मचारियों को 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता देगी। उस समय उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा। केंद्रीय मंत्री की घोषणा का मतलब था कि 1 जुलाई से बढ़ी हुई डीए दर 28 प्रतिशत मानी जानी चाहिए,
इसके अनुसार जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच डीए में एकाएक 11 फीसदी वृद्धि हो गई, जबकि डेढ़ साल की अवधि में डीए की दरों में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई। एक जनवरी 2020 से लेकर एक जुलाई 2021 तक डीए/डीआर फ्रीज कर दिया गया था। कोरोना संक्रमण काल में डीए की तीन किस्त (1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020, 1 जनवरी 2021) रोक दी गई थी। इसके बाद सरकार ने जुलाई 2021 में महंगाई भत्ते को बहाल कर दिया था। तब 18 महीने की बकाया तीन किस्तों का पैसा देने पर सरकार चुप हो गई।