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क्या NPS में केवल एक बदलाव से समाप्त हो सकते हैं कर्मचारी संगठनों के विरोध? विशेषज्ञों ने यह सुझाया 

20 साल पहले, केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को समाप्त कर नई पेंशन योजना (NPS) को लागू किया। इस बदलाव के बाद से ही देशभर के लाखों कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। हालांकि, अब विशेषज्ञों का कहना है कि अगर NPS में एक महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया जाए, तो यह योजना ओल्ड पेंशन स्कीम से भी बेहतर साबित हो सकती है।
 
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NPS: 20 साल पहले, केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को समाप्त कर नई पेंशन योजना (NPS) को लागू किया। इस बदलाव के बाद से ही देशभर के लाखों कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। हालांकि, अब विशेषज्ञों का कहना है कि अगर NPS में एक महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया जाए, तो यह योजना ओल्ड पेंशन स्कीम से भी बेहतर साबित हो सकती है।

NPS में एक बड़ी खामी

NPS की सबसे बड़ी समस्या यह है कि एन्‍युटी पर मिलने वाली ब्याज दर फिक्स होती है, जिसके कारण पेंशन की राशि स्थिर रहती है। महंगाई के साथ पेंशन की क्रय शक्ति कम होती जाती है क्योंकि NPS में महंगाई भत्ते का लाभ नहीं मिलता।

महंगाई भत्ता जोड़ना

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर NPS में महंगाई भत्ते को जोड़ दिया जाए, तो यह योजना OPS से भी बेहतर हो सकती है। NPS में अंशदान और ब्याज की वजह से रिटायरमेंट के समय अधिक एकमुश्त राशि मिलती है, जो OPS में संभव नहीं है। इसके अलावा, महंगाई भत्ते के जुड़ने से कर्मचारियों की पेंशन महंगाई के साथ-साथ बढ़ेगी, जिससे उनकी पेंशन की क्रय शक्ति बनी रहेगी।

अगर सरकार NPS में महंगाई भत्ते का लाभ देने का प्रावधान कर दे, तो यह योजना OPS से अधिक लाभकारी हो सकती है। इससे न केवल कर्मचारी संगठनों का विरोध कम होगा, बल्कि यह योजना आर्थिक रूप से भी कर्मचारियों के लिए अधिक सुरक्षित हो जाएगी।

क्या NPS में यह सुधार किया जाएगा?

अब यह देखना बाकी है कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है, लेकिन यह साफ है कि इस एक बदलाव से NPS को कर्मचारियों के लिए और भी अधिक आकर्षक बनाया जा सकता है।