Business Idea: 'जीरा' अब आप के लिए बन जायगा कोहिनूर का 'हीरा', फौरन बन जाएंगे करोड़पति, ये शरू करने की विधि
पौधे की ऊंचाई 15 से 50 सेमी तक होती है। यह व्यापार की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में जीरा अक्टूबर से नवंबर तक बोया जाता है और फरवरी में काटा जाता है। ताजा फसल आमतौर पर मार्च के दौरान बाजार में पहुंचती है।
जीरे की खेती के लिए हल्की और दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है। ऐसी मिट्टी में जीरे की खेती आसानी से की जा सकती है। बुआई से पहले यह जरूरी है कि खेत की तैयारी ठीक ढंग से की जाए। जिस खेत में जीरे की बुआई करनी है, उस खेत से खरपतवार निकाल कर साफ कर लेना चाहिए।
जीरे की अच्छी किस्मों में तीन वेरायटी का नाम प्रमुख हैं। आरजेड 19 और 209, आरजेड 223 और जीसी 1-2-3 की किस्मों को अच्छा माना जाता है। इन किस्मों के बीज 120-125 दिन में पक जाते हैं। इन किस्मों की औसतन उपज प्रति हेक्टेयर 510 से 530 किलो ग्राम है। लिहाजा इन किस्मों को उगाकर अच्छी कमाई की जा सकती है।
जीरे से कमाई
देश का 80 फीसदी से अधिक जीरा गुजरात और राजस्थान में उगाया जाता है। राजस्थान में देश के कुल उत्पादन का करीब 28 फीसदी जीरे का उत्पादन होता है। अब बात करें उपज और इससे कमाई की तो जीरे की औसत उपज 7-8 क्विंटल बीज प्रति हेक्टयर हो जाती है। जीरे की खेती में करीब 30,000 से 35,000 रुपये प्रति हेक्टयर खर्च आता है। अगर जीरे की कीमत 200 रुपये प्रति किलो भाव मान कर चलें तो 80000 से 90000 रुपये प्रति हेक्टयर शुद्ध लाभ हासिल किया जा सकता है। ऐसे में अगर 5 एकड़ की खेती में जीरा उगाया जाए तो 2 से सवा दो लाख रुपये की कमाई की जा सकती है।