भूल कर भी ना कर दें दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालने की गलती, RBI करने जा रहा है एटीएम पर नए नियम लागू
Do not make the mistake of withdrawing money from another bank's ATM, RBI is going to implement new rules on ATMs.
Saving account ATM rules:अगर आप भी बैंक अकाउंट होल्डर है और अपने बैंक एटीएम कार्ड से किसी दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालने की आदत से मजबूर हैं तो तुरंत अपनी आदत में सुधार कर ले। क्योंकि अब आरबीआई ने एटीएम के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। अब नए नियमों के तहत एटीएम पर आने वाले खर्च या लागत पर बैंक आरबीआई के साथ मिलकर नए सिरे से विचार कर रहे हैं।
आरबीआई के नए नियमों के तहत दूसरे बैंकों के एटीएम से पैसे निकालने पर बैंक कब इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने जा रहा है।
इंटरचेंज शुल्क के साथ-साथ ग्राहकों से दूसरे बैंकों के एटीएम से ज्यादा नकद राशि निकालने पर भी अतिरिक्त शुल्क वसूल किया जा सकता है। हालांकि जिन क्षेत्रों में एटीएम की कमी है, वहां के ग्राहकों के लिए शुल्क कम रखने की सुविधा पर भी पर भी विचार किया जा रहा है। ताकि इन ग्राहकों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) का फायदा मिल सके।
आपको बता दें कि एटीएम के नए नियम लागू करने हेतु रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया और एटीएम उद्योग परिसंघ के बीच हाल ही में बैठक हुई है। जिसमें रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया और एटीएम उद्योग परिसंघ के बीच हुई एक बैठक में इंटरचेंज शुल्क को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि नई सरकार के गठन के बाद इंटरचेंज शुल्क में बदलाव हो सकते हैं।
इंटरचेंज शुल्क बैंक ग्राहकों को किसी दूसरे बैंक के एटीएम या व्हाइट लेबल एटीएम पर जाकर अपने कार्ड से लेनदेन करने के दौरान लगाया जाता है। पहले यह शुल्क बैंक ग्राहक अपने बैंकों को 15 रुपये प्रति लेनदेन के हिसाब से देते थे। लेकिन अगस्त 2021 में इंटरचेंज शुल्क में बढ़ोतरी कर इसे 17 रुपये कर दिया गया। इसकेसाथ-साथ गैर वित्तीय लेनदेन पर शुल्क बढ़ाया गया था।
गेर वितीय शुल्क को 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया गया था। ज्ञात हो कि वर्ष 2012 में एटीएम इंटरचेंज शुल्क को 18 रुपये से घटाकर 15 रुपये किया गया था।
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने एटीएम इंटरचेंज शुल्क व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक गठित की गई समिति ने रिपोर्ट में जानकारी देते हुए बताया है कि गृह मंत्रालय की सुरक्षा शर्तों का पालन करने के कारण लागत बहुत बढ़ गई है। बड़े नोट बंद होने के बाद अब एटीएम में नोट भी ज्यादा बार भरने पड़ते हैं। जिस वजह से खर्चा काफी अधिक हो रहा है।
इसके अलावा समिति के सदस्यों ने कहा कि इंटरचेंज शुल्क और एटीएम उपयोग शुल्क पर निर्धारित समय के बाद विचार-विमर्श अवश्य होना चाहिए। अगर निर्धारित समय पर विचार विमर्श होगा तो बैंकों की लागत से जुड़ी परेशानियां जल्दी दूर होंगी। समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट छापने के बाद अब इसका फैसला रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया करेगा।
एटीएम उद्योग परिसंघ द्वारा इंटरचेंज शुल्क को बढ़ाकर 23 रुपये करने की मांग की जा रही है। अगर आरबीआई एटीएम उद्योग परिषद की मांग स्वीकार कर लेता है तो भविष्य में आपको 15 रूपए की जगह 23 रुपए इंटरचेंज शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है