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Business Today: 2028 तक 210 अरब अमेरिकी डॉलर तक जा सकता है भारत का लाइफ स्टाइल मार्कीट 

Business Today: 2028 तक 210 अरब अमेरिकी डॉलर तक जा सकता है भारत का लाइफ स्टाइल मार्कीट 
 
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Business Today: भारत में तेज आर्थिक गति से खर्च योग्य आय बढ़ने के कारण लाइफस्टाइल मार्कीट 10 से 12 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़कर 2028 तक 210 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है, जोकि फिलहाल 130 अरब डॉलर का है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। बैन एंड कंपनी और मंत्रा की ओर से जारी की रिपोर्ट में कहा कि देश का ऑनलाइन फैशन और लाइफस्टाइल मार्कीट 16 से 17 अरब डॉलर बढ़कर 40 से 45 अरब डॉलर तक

2028 तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा कि लाइफस्टाइल में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी में आने वाले वर्षों में बढ़त देखने को मिलेगी। यह मौजूदा 13 प्रतिशत से बढ़कर 2028 तक 18 से 22 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। इसका मतलब यह है कि आने वाले वर्षों में लाइफस्टाइल सैक्टर में आने वाला पांच में से एक रुपया ऑनलाइन माध्यम से आएगा।

मौजूदा समय में भारत में 17.5 करोड़ लोग ऑनलाइन माध्यम से लाइफस्टाइल उत्पाद खरीदते हैं और प्रति वर्ष 6 से 7 औसत लेनदेन करते हैं।

स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी से पहले से लगता है कर, राज्यों में विरोध दर्ज कराएं सदस्यः सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को विपक्ष पर पलटवार करते कहा कि स्वास्थ्य बीमा पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की व्यवस्था लागू होने से पहले से कर लगता था और उन्हें इस बारे में अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों के वित्त मंत्रियों के समक्ष विरोध दर्ज कराना चाहिए।

अनेक विपक्षी सदस्यों ने वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा के प्रीमियम पर लगने वाली 18 प्रतिशत की जीएसटी खत्म करने का आग्रह किया था। वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते सीतारमण ने कहा, 'मैडीकल बीमा के प्रीमियम पर जीएसटी आने से पहले कर है... यह नया विषय नहीं आया है। पहले भी हर राज्य में मैडीकल बीमा पर कर लगता था।' उन्होंने विपक्षी सदस्यों से सवाल किया, 'क्या आपने अपने राज्य में कहा कि कर हटाओ? जीएसटी परिषद में शामिल अपने राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखा?' वित्त मंत्री ने कहा कि इस मामले पर विपक्ष दोहरा मापदंड अपना रहा है।