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जींद-सिरसा नहीं! हरियाणा का यह जिला 300 दिनों में गटक गया 6 हजार करोड़ की शराब, सरकार को मोटी कमाई

Haryana news: ग्रामरी आबकारी विभाग के अनुसार, जून 2023 से मार्च 2024 तक शहर के लोगों ने लगभग छह हजार करोड़ रुपये की शराब खरीदी है।
 
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indiah1, गुरुग्राम। गुरुग्राम के लोगों को शराब पीने में कोई गुरेज नहीं है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि गुरुग्राम के लोगों को 6 हजार करोड़ रुपये की शराब का नुकसान हुआ है। आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम के लोगों ने पिछले 10 महीनों में 6 हजार करोड़ रुपये की शराब का सेवन किया है। अगर 2023-24 में आबकारी विभाग के टैक्स की बात करें तो इसमें 70 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

इस साल शराब की बिक्री चार से पांच गुना होने की उम्मीद है। यानी शराब की इस बढ़ती खपत को देखते हुए आने वाले समय में शराब की खपत और राजस्व दोनों में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है।


ग्रामरी आबकारी विभाग के अनुसार, जून 2023 से मार्च 2024 तक शहर के लोगों ने लगभग छह हजार करोड़ रुपये की शराब खरीदी है। नई आबकारी नीति 12 जून 2024 को लागू होगी। इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। ऐसे में पॉलिसी में ज्यादा बदलाव नहीं होगा। जैसे ही आप देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में प्रवेश करेंगे, आपको लगेगा कि आप आधुनिक रसोई के शहर में आ गए हैं। चमकते स्टोररूम भी बड़े शोरूमों को पीटते हुए दिखाई देंगे।

दूधिया रोशनी में नहाने वाले ये आधुनिक स्नानघर आपको अपनी ओर खींचते हुए दिखाई देंगे। पश्चिम क्षेत्र में 166 और पूर्वी क्षेत्र में 79 शराब की दुकानें हैं। एक विक्रेता दो शराब की दुकानें खोल सकता है। अगर पूर्वी क्षेत्र की बात करें तो 2023-24 में भारतीय निर्मित विदेशी शराब आईएमएफएल का कोटा 86 लाख 97 प्रूफ लीटर था। वहीं, पिछले साल सीएल देशी शराब का कोटा 25 लाख 3 हजार 667 प्रूफ लीटर था। अगर हर महीने एक्साइज टैक्स के कलेक्शन की बात करें तो हर महीने टैक्स बढ़ गया है।

पिछले वर्ष की तुलना में अधिक संग्रह 2023-24 में कर संग्रह के संदर्भ में, जून-जुलाई से कर संग्रह 133 करोड़ रुपये से 264 करोड़ रुपये है। इसमें 98 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जुलाई-अगस्त के दौरान 63 करोड़ से 101 करोड़ कर संग्रह किया गया, जो 61 प्रतिशत की वृद्धि है। अगस्त से सितंबर तक 69-105 करोड़ रुपये का टैक्स वसूला गया, जो 51 फीसदी की बढ़ोतरी है। सितंबर से अक्टूबर तक शराब की दुकान चलाने वालों ने 72-111 करोड़ रुपये का टैक्स दिया।

इसमें 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अक्टूबर से नवंबर तक 70-111 करोड़ रुपये का टैक्स वसूला गया। इसमें 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। नवंबर-दिसंबर में 71-129 करोड़ रु. इस महीने करों में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दिसंबर से जनवरी तक कर 84 से 132 करोड़ रुपये था। इसमें 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

जनवरी से फरवरी तक कर 65 से 98 करोड़ तक पहुंच गया। इसमें 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। फरवरी से मार्च तक 75 करोड़ से 145 करोड़ कर संग्रह किया गया। इसमें 93 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मार्च से अप्रैल तक 51 करोड़ रुपये से 86 करोड़ रुपये तक कर संग्रह हुआ, जो 67 प्रतिशत की वृद्धि है।

चालू वर्ष में, 2023-24 में 1289 करोड़ रुपये के उत्पाद शुल्क में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2022 में 758 करोड़ रुपये का संग्रह किया गया था। यह पिछले वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत अधिक है। पश्चिम क्षेत्र में, 2022-23 में 1190 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे। वहीं, 2023-24 में 1202 करोड़ टैक्स आया। इस जोन में भारतीय निर्मित विदेशी शराब का कोटा 90,45,606 प्रूफ लीटर था।

वहीं, देशी शराब सीएल का कोटा 50 लाख 66 हजार 120 प्रूफ लीटर था। आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार, शराब की बिक्री हर साल आने वाले कर का चार से पांच गुना है। यह ठेकेदार पर निर्भर करता है कि वह किस दर पर शराब बेच रहा है। पिछले साल जिले भर में लगभग 6,000 करोड़ रुपये की शराब बेची गई थी।