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Loan: अब लोन लेना पड़ेगा महंगा, नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, पढ़ें डिटेल

 
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नई दिल्ली Personal Loan: आरबीआई के द्वारा पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के द्वारा लोने लेने के नियमों को काफी सख्त कर दिया गया है। इसके तहत अब ग्राहकों को इस प्रकार के लोन लेने के लिए कई प्रकार के प्रोसेस से गुजरना होगा। ऐसा बताया जा रहा है कि लोन देने से पहले ग्राहकों को आर्थिक स्थिति की जांच की जा सकती है। इसके अलावा उनको किसी भी प्रकार की गारंटी देने के लिए भी कहा जा सकता है। बैंकों के पूरी तरह से कॉनफिडेंट होने के बाद ही लोन जारी किया जाएगा।

अभी इस प्रकार के लोन लेने के प्रोसेस सरल है। बैंक पर्सलन लोन देने से पहले ग्राहकों की आर्थिक स्थिति की जांच नहीं करते हैं। ये स्थिति क्रेडिट कार्ड के मामले में भी है। इस प्रोसेस को आसान होने के कारण इस प्रकार के लोन लेने का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। साथ में ऐसे डिफाल्टरों की संख्या में भी तेजी में इजाफा हुआ है। इससे बैंकों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए नियमों में काफी बदलाव किया गया है।

फटाफट जानें अनसेफ लोन

इस प्रकार के सभी लोन अधिक जोखिम और अनसेफ उधार की श्रेणी में आते हैं। अनसेफ उधार उसको कहते हैं, जिसमें बैंकों में कुछ भी गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रकार के लोन पर ब्याज दर अधिक होती हैं। यदि कोई पैसा उधार लेता है और उसे वापस नहीं कर पाता है तो वसूली करीब नामुमकिन होती है। ये कर्ज बैंक के लिए अधिक जोखम वाले होते हैं।

कर्ज लेने वाले तेजी से बढ़ें

डेटा के मुताबिक पर्सनल लोन लेने वालों की संख्या में वर्ष 2022 में सबसे अधिक उछाल आया था, जो कि 7.8 करोड़ से बढ़कर 9.9 करोड़ रुपये हो गई थी। वहीं क्रेडिट कार्ड के द्वारा लोन लेने वालों का आंकड़ा भी 1.3 करोड़ से 1.7 करोड़ रुपये हो गया है।

उधारी न चुकाने वालों में इजाफा

डेटा के मुताबिक क्रेडिट कार्ड पर लोगों की बाकी की रकम एक साल में 1.54 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गई है। वहीं अप्रैल में अपने लोन को चुकाने में देर करने वालों की संख्या पर्सलन लोन के मामले में 9 फीसदी और क्रेडिटा कार्ड के लिए 4 फीसदी थी। ये आंकड़ा कोरोना महामारी से पहले की तुलना में ज्यादा है। उस समय दोनों को मिलाकर ये डेटा 5 फीसदी ही था।