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तेल-तिलहन बाजार में सरसों और सोयाबीन के दामों में बढ़ोतरी, जानें आज के भाव

कुछ राज्यों में सोयाबीन प्लांट और ब्रांडेड तेल मिलों द्वारा सरसों की खरीद के दामों में बढ़ोतरी के चलते तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सभी प्रमुख तेल-तिलहनों के दामों में सुधार देखा गया। किसानों द्वारा नीचे दाम पर बिकवाली से बचने और आयातित तेलों पर आयात शुल्क बढ़ने की संभावनाओं के बीच यह उछाल आया है।
 
Mustard Oil Price

Mustard Oil Price: कुछ राज्यों में सोयाबीन प्लांट और ब्रांडेड तेल मिलों द्वारा सरसों की खरीद के दामों में बढ़ोतरी के चलते तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सभी प्रमुख तेल-तिलहनों के दामों में सुधार देखा गया। किसानों द्वारा नीचे दाम पर बिकवाली से बचने और आयातित तेलों पर आयात शुल्क बढ़ने की संभावनाओं के बीच यह उछाल आया है।

प्रमुख तेल-तिलहन के आज के भाव
तेल-तिलहन                                    दाम (रुपये/क्विंटल)
सरसों तिलहन                                    6,275-6,315
मूंगफली                                            6,550-6,825
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)     15,525
मूंगफली रिफाइंड तेल                          2,335-2,635 (प्रति टिन)
सरसों तेल दादरी                                 12,400
सरसों पक्की घानी                               1,985-2,085 (प्रति टिन)
सरसों कच्ची घानी                                1,985-2,100 (प्रति टिन)
तिल तेल मिल डिलिवरी                         18,900-21,000
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली          10,575
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर                 10,175
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला                  8,750
सीपीओ एक्स-कांडला                            9,425
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)            10,100
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली                     10,525
पामोलिन एक्स-कांडला                           9,725 (बिना जीएसटी)
सोयाबीन दाना                                      4,670-4,700
सोयाबीन लूज                                       4,480-4,605
मक्का खल (सरिस्का)                            4,175

राजस्थान के कोटा और महाराष्ट्र में सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) के दामों में वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण चौतरफा बारिश से फसल की आवक में देरी है। इसके साथ ही बिनौला का स्टॉक खत्म हो चुका है और बरसात के कारण नई फसल आने में भी देरी हो रही है।

तेल-तिलहन बाजार में मौजूदा हालात बताते हैं कि आने वाले समय में कीमतों में और भी उछाल देखा जा सकता है। किसानों और खरीदारों को इन दामों में हो रहे बदलाव पर नज़र बनाए रखनी चाहिए और खरीदारी के लिए सही समय का इंतजार करना चाहिए।