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आयकर में गरीब तबके को मिल सकती है राहत, सीआईआई ने दिए सुझाव

आयकर में गरीब तबके को मिल सकती है राहत, सीआईआई ने दिए सुझाव
 
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भारत देश के अंदर सरकार गरीब तबके को आयकर में राहत दे सकती है। यह बात हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि हाल ही में सीआईआई के नए अध्यक्ष संजीव पुरी ने सरकार को इसके सुझाव दिए हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ (C.I.I.) के नए अध्यक्ष संजीव पुरी का मानना है कि 2024-25 के आगामी पूर्ण बजट में मुद्रास्फीति के उच्चस्तर को देखते हुए सबसे निचले स्लैब के लोगों के लिए आयकर राहत पर विचार करने की आवश्यकता है।

पुरी ने एक साक्षात्कार में भूमि, श्रम, बिजली और कृषि से संबंधित सभी सुधारों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति बनाने को एक संस्थागत मंच बनाने का भी सुझाव दिया।

उद्योग मंडल ने कहा कि उसे नहीं लगता कि गठबंधन राजनीति की मजबूरियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में सुधारों में बाधक बनेंगी।

इसके बजाय उसका मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन और पिछले दो कार्यकाल में नीतियों की सफलता इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आधार तैयार करेगी। वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट से उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा, मोटे तौर पर, मैं इस समय कहूंगा कि सार्वजनिक पूंजीगत व्यय, राजकोषीय प्रगति पथ का पालन, सामाजिक बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए रूपरेखा, हरित कोष और ग्रामीण क्षेत्र में अधिक निवेश ये व्यापक सिद्धान्त है।

खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण मई में थोक मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 प्रतिशत हो गई है।


उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल रह सकती 4.5 प्रतिशत


थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने 1.26 प्रतिशत पर थी। मई, 2023 में शून्य से नीचे 3.61 प्रतिशत थी। पुरी ने कहा कि सीआईआई का अनुमान है कि मानसून अच्छा रहने की वजह से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल 4.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी।

कर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारा सुझाव है कि इस मोर्चे पर सरलीकरण की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूंजीगत लाभ को लेकर कुछ सुझाव हैं। यह विभिन्न माध्यमों पर अलग-अलग है। क्या इसे सुसंगत किया जा सकता है।