RBI ने बैंकों की कर दी मौज, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने दिया यह बड़ा तोहफा
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने बैंकों को बड़ा तोहफा दिया है। रिजर्व बैंक ने भारतीय बैंकों की थोक सावधि जमा की सीमा बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए करने की घोषणा की है। रिजर्व बैंक ने भारतीय बैंकों की थोक सावधि जमा की सीमा में 1 करोड़ की बढ़ोतरी कर इसे 2 करोड़ से 3 करोड़ कर दिया है।
आपको बता दें कि थोक सावधि जमा पर खुदरा सावधि जमा की तुलना में थोड़ा अधिक ब्याज मिलता है, क्योंकि बैंक अपनी नकदी प्रबंधन प्रक्रिया के तहत अलग-अलग दरें प्रदान करते हैं। अब अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) के पास 2 करोड़ रुपए तक की एकल रुपया सावधि जमा, खुदरा सावधि जमा का हिस्सा होगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि थोक जमा सीमा की समीक्षा के संबंध में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर) और एसएफबी के लिए 3 करोड़ रुपए और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमा के रूप में थोक जमा की परिभाषा को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा, स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमा सीमा को "एक करोड़ रुपए और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमा' के रूप में परिभाषित करने का भी प्रस्ताव है, जैसा कि आरआरबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक) के मामले में लागू है।
विदेशी मुद्रा भंडार पहुंचा अपने उच्च स्तर पार
भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार ने रिकॉर्ड बनाते हुए अपने उच्चतम स्टार को पार कर दिया है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 मई तक 651.5 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है। इससे पिछले सप्ताह यानी 24 मई को यह 646.67 अरब डॉलर पर था। इसके बाद से कुल कोष में 4.83 अरब अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई है।
दास ने द्विमासिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए अपने बयान में कहा, एक नई उपलब्धि, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 मई को 651.5 अरब अमरीकी डॉलर के ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गया।" इससे पहले 17 मई को विदेशी मुद्रा भंडार का सर्वकालिक उच्चतम स्तर 648.7 अरब अमरीकी डॉलर था।
विदेशी मुद्रा भंडार को किसी भी बा' क्षेत्र की गड़बड़ी को झेलने में अर्थव्यवस्था की समग्र ताकत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख कारकों में से एक माना जाता है। दास ने कहा कि देश का बा' क्षेत्र जुझारू बना हुआ है। चालू खाते का घाटा (कैड), सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में बा' ऋण तथा शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति में सुधार का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रमुख बा' संकेतकों में सुधार जारी है।