India H1

RBI: ने कर दी करोड़ों ग्राहकों की मौज, बैंकों को लोटाना पड़ेगा  ब्याज का पैसा वापस, वित्तीय संस्थानों को आदेश किए जारी

RBI: banks will have to return the interest money, orders issued to financial institutions
 
RBI

RBI:भारत के अंदर बैंकिंग प्रणाली से जुड़े लोगों के लिए आरबीआई बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। जिन लोगों ने बैंक से लोन ले रखा है और ब्याज भर रहे हैं उन लोगों को यह खबर खुशी देने वाली है।
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने (RBI) बैंकों के साथ-साथ वित्तीय संस्थानों पर चाबुक चलाते हुए कड़े आदेश जारी किए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के आदेशानुसार जिन बैंकों या वित्तीय संस्थानों ने गलत तरीके से अपने ग्राहकों से अतिरिक्त ब्याज लिया है।

उन्हें तुरंत इस पर कार्रवाई करते हुए अपने ग्राहक से गलत तरीके से लिया हुआ ब्याज वापस लौटना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कहा कि बैंक या वित्तीय संस्थान ब्याज वसूलने में अनुचित तरीकों का प्रयोग कर रहे हैं और गलत तरीके से अपने ग्राहकों से ब्याज ले रहे हैं उन्हें बख्सा नहीं जाएगा।


भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने हाल ही में जारी सर्कुलर में कहा कि 2003 से विनियमित संस्थाओं (RI) को कर्ज मूल्य निर्धारण नीति पर निष्पक्षता और पारदर्शिता की बात के साथ समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं।

31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए RI की जांच के दौरान काफी अनियमितताएं पाई गई है। इसके साथ-साथ आरबीआई को ऋणदाताओं द्वारा ब्याज वसूलने में कुछ अनुचित प्रथाओं के उदाहरण मिलने पर प्रमुख रूप से निष्पक्षता और पारदर्शिता में अनुचित प्रथाओं को लेकर चिंता जताते हुए बैंकों को अनुचित तरीके से लिए गए ब्याज को वापस लौटाने के आदेश दिए है।


इसके साथ-साथ रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने आरई को कर्ज वितरण के तरीके, ब्याज के आवेदन और अन्य शुल्कों के संबंध में अपनी प्रथाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने आरई को अपने सिस्टम स्तर पर बदलाव के साथ-साथ ब्याज वसूलने के मुद्दे पर जरूरी सुधारात्मक कार्रवाई करने को कहा है।

आरबीआई ने यह करवाई आरई (RI) द्वारा कर्ज मंजूरी की तारीख या कर्ज समझौते की तारीख से ब्याज वसूलने पर की है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के अनुसार ग्राहक को लोन मिलने के बाद ब्याज वसूलना चाहिए।


आरबीआई ने अपनी जांच के दौरान पाया कि बहुत से बैंकों ने ग्राहक को चेक बाद में दिया और ब्याज पहले वसूला गया।


इसके अलावा कुछ मामलों में  चेक की तारीख से ब्याज वसूलना शुरू कर दिया गया और ग्राहक को चेक कई दिनों बाद दिया गया।

वहीं कुछ वित्तीय संस्थानों ने जिस महीने में ग्राहक को कर्ज दिया, उस महीने का पूरा ब्याज लिया गया। कुछ मामलों में संस्थानों ने ग्राहकों से एक या कई किस्तें लोन देने के समय ही ले ली  थी। लेकिन ग्राहक से ब्याज पूरे कर्ज पर लिया है।

इसके साथ-साथ कुछ मामलों में कर्ज वितरण के लिए जारी किए गए चेक के बदले आरई को ऑनलाइन ट्रांसफर का उपयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।