India H1

छोटे फाइनेंस बैंक ऑफर कर रहे हैं सरकारी बैंकों से ज्यादा ब्याज, यहाँ देखें जानकारी 

फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) भारतीय निवेशकों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक हैं। यह निवेश के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प माना जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं। इस आर्टिकल में, हम चर्चा करेंगे कि कैसे छोटे फाइनेंस बैंक सरकारी बैंकों से अधिक ब्याज दरें ऑफर कर रहे हैं और क्या इनमें निवेश करना सुरक्षित है।
 
Bank News

Bank News: फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) भारतीय निवेशकों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक हैं। यह निवेश के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प माना जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं। इस आर्टिकल में, हम चर्चा करेंगे कि कैसे छोटे फाइनेंस बैंक सरकारी बैंकों से अधिक ब्याज दरें ऑफर कर रहे हैं और क्या इनमें निवेश करना सुरक्षित है।

छोटे फाइनेंस बैंकों की उच्च ब्याज दरें

रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीति ने कई बैंकों को अपनी FD दरों में सुधार करने के लिए प्रेरित किया है। छोटे फाइनेंस बैंक अब निवेशकों को सरकारी बैंकों की तुलना में अधिक ब्याज दरें ऑफर कर रहे हैं। नीचे दिए गए टेबल में, कुछ छोटे फाइनेंस बैंकों द्वारा ऑफर की जाने वाली ब्याज दरों की जानकारी दी गई है:

बैंक का नाम                         एफडी अवधि                   ब्याज दर (%)
AU स्मॉल फाइनेंस बैंक                18 महीने                           8%
इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक         444 दिन                            8.5%
ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक       2 साल से कम 3 साल           8.25%
जना स्मॉल फाइनेंस बैंक               365 से 1095 दिन                8.25%
नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक         546 से 1111 दिन                 9%
सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक           2 साल 2 दिन                      8.65%
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक         12 महीने                             8.25%
यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक            1001 दिन                           9%
उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक            2 से 3 साल या 1500 दिन      8.25%

क्या छोटे फाइनेंस बैंकों में निवेश करना सुरक्षित है?

छोटे फाइनेंस बैंकों में निवेश करने से पहले, निवेशकों को इन बैंकों की सुरक्षा के बारे में विचार करना चाहिए। बैंक के दिवालिया होने की स्थिति में, डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है। यह बीमा कवर सेविंग अकाउंट, FD, करंट अकाउंट और RD जैसी जमा राशियों पर लागू होता है।

छोटे फाइनेंस बैंक, उच्च ब्याज दरों के साथ आकर्षक निवेश विकल्प प्रदान कर रहे हैं, लेकिन निवेशकों को अपनी जमा राशियों की सुरक्षा के बारे में भी जागरूक रहना चाहिए। DICGC के बीमा कवर के बावजूद, निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता का आकलन करके ही छोटे फाइनेंस बैंकों में निवेश करना चाहिए।