India H1

Supreme Court ने कर्मचारियो व पेंशनधारकों को दिया तोहफा, आ गई बड़ी खुशखबरी, हो गई बल्ले बल्ले!, देखें पूरी डिटेल 

सरकार कर्मचारी से एक वचन पत्र भरती है जिसमें यह बताया जाता है कि यदि अधिक भुगतान है, तो सरकार इसे वसूल कर सकती है। 
 
 कर्मचारियो व पेंशनधारकों को दिया तोहफा
Goverment Employess: अक्सर यह देखा जाता है कि सेवा के दौरान गलत निर्धारण के कारण या किसी अन्य कारण से, यदि अधिक भुगतान होता है, तो सरकार इसे वसूल करती है। इसके लिए, सरकार कर्मचारी से एक वचन पत्र भरती है जिसमें यह बताया जाता है कि यदि अधिक भुगतान है, तो सरकार इसे वसूल कर सकती है। कई अदालती मामले देखे गए जिनमें अदालत ने कहा कि अगर कर्मचारियों की गलती है, तो मामले में उनकी वसूली की जा सकती है, लेकिन अगर अतिरिक्त भुगतान विभाग या बैंक की गलती के कारण है, तो इसकी वसूली नहीं की जा सकती है।

अदालत ने एक मामले को देखने के बाद पेंशनभोगी के पक्ष में फैसला सुनाया जिसमें एक कर्मचारी को सेवा के दौरान गलत निर्धारण के कारण अधिक भुगतान मिल रहा था और बाद में जब वह सेवानिवृत्त होता है, तो उसे वसूली के आदेश मिलते हैं। ऐसे में कर्मचारी को कहना पड़ा कि इसमें मेरी क्या गलती थी। निर्धारण से लेकर भुगतान तक, विभाग सब कुछ करता है, तो कर्मचारी क्या कर सकता है? कर्मचारी ने तब अदालत का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यदि सेवा के दौरान अतिरिक्त भुगतान होता है, तो इसे सेवानिवृत्ति के बाद वसूल नहीं किया जा सकता है। यदि कर्मचारी की गलती नहीं है, तो इसे सेवानिवृत्ति के बाद वसूल नहीं किया जाना है। जवाब में, सरकार ने उपक्रमों को दिखाया कि कर्मचारियों ने उपक्रम दिए थे इस पर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपक्रम कर्मचारी दबाव में देता है ताकि उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी बंद न हो। अदालत ने कहाँ ऐसा वचन दिया है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की अपील को खारिज कर दिया और कर्मचारी से वसूली नहीं करने का आदेश जारी किया।

ऐसे कई मामले लंबित हैं।
सेवानिवृत्ति के बाद, अधिक भुगतान की वसूली के लिए पेंशनभोगियों को नोटिस आते रहते हैं। वकील ने कहा कि अदालत में ऐसे कई मामले लंबित हैं जिन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आरबीआई के पास एक स्पष्ट आदेश है कि यदि विभाग की गलती है, यदि वह गलती सेवानिवृत्ति के 5 साल से पहले पकड़ी जाती है, तो इसे तुरंत वसूल किया जाना चाहिए, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद अधिक भुगतान की वसूली के लिए नहीं।

रफीक मसीह के मामले में क्या फैसला आया सर्वोच्च न्यायालय रफीक मसीह बनाम भारत संघ के मामले में पहले ही निर्णय दे चुका है कि पेंशनभोगियों को अधिक भुगतान से वसूल नहीं किया जा सकता है, जिसके आधार पर यह मामला भी सफल रहा।