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RTO के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए नहीं देना पड़ेगा किसी प्रकार का टेस्ट

RTO के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए नहीं देना पड़ेगा किसी प्रकार का टेस्ट
 
 RTO rules

देश के अंदर आरटीओ के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के दौरान लाखों की संख्या में ऐसे युवाओं को राहत मिली है जो टेस्ट में फेल हो जाते थे। अब आरटीओ के सामने आपको अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए किसी प्रकार के टेस्ट से नहीं गुजरना पड़ेगा।
परिवहन विभाग ने आरटीओ के नियमों में बदलाव करते हुए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने हेतु क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों  में टेस्ट की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। परिवहन विभाग के नए नियमों के अनुसार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में अब किसी प्रकार का ड्राइविंग टेस्ट नहीं लिया जाएगा। अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर या ड्राइविंग स्कूल जाकर देना पड़ेगा।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस नियमों में बदलाव करते हुए युवाओं को ड्राइविंग टेस्ट से संबंधित बड़ी छूट दी है। इसके साथ-साथ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने परिवहन के नियमों को कड़ा करते हुए
 नाबालिग के गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है।

परिवहन विभाग के नए नियमों के तहत अब नाबालिग के गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर उसके माता-पिता पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं जुर्माना लगाने के साथ-साथ परिवहन विभाग द्वारा गाड़ी मालिक का रजिस्ट्रेशन कार्ड भी रद्द कर दिया जाएगा। वहीं नाबालिग द्वारा कम उम्र में गाड़ी चलाने की गलती करने पर 25 साल की उम्र तक लाइसेंस बनवाने हेतु अयोग्य अयोग्य घोषित किया जाएगा।

निजी ड्राइविंग स्कूलों और संस्थाओं के लिए यह रहेंगे नए नियम 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जून महीना में परिवहन से संबंधित कई नियमों में बदलाव किया है। परिवहन विभाग के नए नियमों के अनुसार ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के पास कम से कम एक एकड़ जमीन होना आवश्यक है। इसके अलावा ड्राइविंग सेंटर के पास ड्राइविंग टेस्ट के लिए मांगों के अनुसार जरूरी सुविधाएं होनी भी आवश्यक है। 
निजी ड्राइविंग स्कूल में ट्रेनिंग देने वाले ट्रेनर के पास हाई स्कूल डिप्लोमा और कम से कम 5 वर्ष का ड्राइविंग अनुभव होना अनिवार्य है। ट्रेनर बायोमेट्रिक और आईटी सिस्टम चलाने में एक्सपर्ट भी होना चाहिए।