Home Loan की EMI में फिलहाल राहत नहीं, लेकिन इस साल के अंत तक आएगी अच्छी खबर
आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की है। सेंट्रल बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 7 जून को सुबह 10 बजे मौद्रिक नीति की घोषणा की।
Updated: Jun 7, 2024, 12:44 IST
HOME Loan: आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की है। सेंट्रल बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 7 जून को सुबह 10 बजे मौद्रिक नीति की घोषणा की। RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है। यह लगातार आठवीं मौद्रिक नीति है जिसमें केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखा है। इसका मतलब है कि होम लोन की ईएमआई फिलहाल कम होने वाली नहीं है। हालांकि इसकी उम्मीद की जा रही थी।
इस साल के अंत तक कोई अच्छी खबर मिल सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय बैंक (आरबीआई) ने रेपो दर में कमी नहीं की है, लेकिन वह इस साल के अंत तक ब्याज दर को कम कर सकता है। इसके कई कारण हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आरबीआई ब्याज दरों के संदर्भ में अमेरिकी केंद्रीय बैंक की कार्रवाइयों की निगरानी कर रहा है। अमेरिका में इस साल के अंत तक ब्याज दरों में गिरावट आने की उम्मीद है। इसके बाद आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती करने का फैसला किया। घरेलू आर्थिक स्थिति में भी सुधार के संकेत मिल रहे हैं। इस साल मानसून की बारिश अच्छी रहेगी। इससे फसल की पैदावार पर असर पड़ेगा। इससे फलों और सब्जियों का उत्पादन बढ़ेगा। इसका वास्तविक खाद्य मुद्रास्फीति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के लक्ष्य से नीचे आ जाएगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी तरह से बढ़ रही है। एक अच्छा मानसून भी विकास को बढ़ावा देगा। दूसरी ओर अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े भी बेहतर दिख रहे हैं। ऐसे में आरबीआई इस साल के अंत तक ब्याज दर कम कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अचल संपत्ति में अच्छी वृद्धि हुई है। होम लोन की ब्याज दरों में कमी से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। अचल संपत्ति क्षेत्र उन क्षेत्रों में से एक है जिसमें अधिकतम रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है। इसलिए, रेपो दर में कमी से इस क्षेत्र के विकास में वृद्धि होगी।
होम लोन की ब्याज दरें अपरिवर्तित, रेपो दर अपरिवर्तित
एचडीएफसी बैंक ने रेपो दर अपरिवर्तित रहने के बावजूद नए ग्राहकों के लिए होम लोन की ब्याज दरों में 40 आधार अंकों तक की बढ़ोतरी की है। इस साल जनवरी में 50 लाख रुपये के होम लोन पर सबसे कम ब्याज दर 8.35 फीसदी थी। अब यह बढ़कर 8.75 प्रतिशत हो गया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक ने होम लोन की दरों में बढ़ोतरी की है। 50 लाख रुपये के होम लोन के लिए ब्याज दर क्रमशः 8.40 प्रतिशत और 8.30 प्रतिशत है।
इस साल के अंत तक कोई अच्छी खबर मिल सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय बैंक (आरबीआई) ने रेपो दर में कमी नहीं की है, लेकिन वह इस साल के अंत तक ब्याज दर को कम कर सकता है। इसके कई कारण हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आरबीआई ब्याज दरों के संदर्भ में अमेरिकी केंद्रीय बैंक की कार्रवाइयों की निगरानी कर रहा है। अमेरिका में इस साल के अंत तक ब्याज दरों में गिरावट आने की उम्मीद है। इसके बाद आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती करने का फैसला किया। घरेलू आर्थिक स्थिति में भी सुधार के संकेत मिल रहे हैं। इस साल मानसून की बारिश अच्छी रहेगी। इससे फसल की पैदावार पर असर पड़ेगा। इससे फलों और सब्जियों का उत्पादन बढ़ेगा। इसका वास्तविक खाद्य मुद्रास्फीति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के लक्ष्य से नीचे आ जाएगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी तरह से बढ़ रही है। एक अच्छा मानसून भी विकास को बढ़ावा देगा। दूसरी ओर अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े भी बेहतर दिख रहे हैं। ऐसे में आरबीआई इस साल के अंत तक ब्याज दर कम कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अचल संपत्ति में अच्छी वृद्धि हुई है। होम लोन की ब्याज दरों में कमी से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। अचल संपत्ति क्षेत्र उन क्षेत्रों में से एक है जिसमें अधिकतम रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है। इसलिए, रेपो दर में कमी से इस क्षेत्र के विकास में वृद्धि होगी।
होम लोन की ब्याज दरें अपरिवर्तित, रेपो दर अपरिवर्तित
एचडीएफसी बैंक ने रेपो दर अपरिवर्तित रहने के बावजूद नए ग्राहकों के लिए होम लोन की ब्याज दरों में 40 आधार अंकों तक की बढ़ोतरी की है। इस साल जनवरी में 50 लाख रुपये के होम लोन पर सबसे कम ब्याज दर 8.35 फीसदी थी। अब यह बढ़कर 8.75 प्रतिशत हो गया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक ने होम लोन की दरों में बढ़ोतरी की है। 50 लाख रुपये के होम लोन के लिए ब्याज दर क्रमशः 8.40 प्रतिशत और 8.30 प्रतिशत है।