यह सरकारी बैंक होगा प्राइवेट बैंक में तब्दील, आरबीआई ने की बड़ी घोषणा
आरबीआई ने बड़ी घोषणा करते हुए एक सरकारी बैंक को प्राइवेट बैंक में तब्दील करने की अनुमति दे दी है। इस बैंक के प्राइवेट बैंक में तब्दील होने के बाद लाखों ग्राहकों को सरकारी बैंक में मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा। आपको बता दे की रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण का रास्ता साफ कर दिया है। आरबीआई ने आईडीबीआई बैंक के लिए बोली लगाने वाले निवेशकों की 'फिट एंड प्रॉपर' रिपोर्ट भी सौंप दी है।
सरकार ने वर्ष 2021 में आइडिया आईडीबीआई बैंक के निजीकरण हेतु शुरू की थी प्रक्रिया
देश के अंदर मोदी सरकार ने वर्ष 2021 में मई महीने में आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सेदारी बेचने का प्रोसेस शुरू किया था और आरबीआई से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रही थी। अब आरबीआई से हरी झंडी मिलने के बाद इस बैंक का निजीकरण होने का रास्ता साफ हो गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की बोली लगाने के मानदंडों की प्रक्रिया रहती है इस प्रकार
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा बोली लगाने वाले सही मानदंडों की प्रक्रिया की बात करें तो इसके तहत यह चेक किया जाता है कि बोली लगाने वाले नियमों का पालन करते हैं या नहीं। बोले लगाने वाले बोली दाताओं को अन्य नियामकों का पालन करना भी अनिवार्य होता है। आपको बता दें कि RBI से फिट एंड प्रॉपर रिपोर्ट मिलने के बाद अब सबकी निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले बजट पर टिक चुकी हैं। वहीं बाजार भी इस बात का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो आरबीआई ने एक को छोड़कर बाकी सभी विदेशी बोलीदाताओं(Foreign Bidders) पर अपनी रिपोर्ट दे दी है। हालांकि विदेशी नियामक ने उसके बारे में डेटा उपलब्ध नहीं कराया है।
वर्तमान में केंद्र सरकार की इतनी है हिस्सेदारी
आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी की बात करें तो वर्तमान में केंद्र सरकार की 45.5% हिस्सेदारी और एलआईसी की 49% से ज़्यादा हिस्सेदारी इस बैंक में है। आपको बता दें कि आईडीबीआई बैंक पहले एक वित्तीय संस्थान था जिसे बाद में बैंक बना दिया गया। सूत्रों की माने तो सरकार बैंक में एलआईसी की 30.2% और अपनी 30.5% मिलाकर टोटल 60.7% हिस्सेदारी बेच सकती है।