नॉर्मल फिक्स्ड डिपॉजिट और लिंक्ड फिक्स्ड डिपॉजिट में क्या है अंतर ,जाने पूरी डिटेल
यदि आपका भी फिक्स्ड करवाने की इच्छा है तो आपके लिए नॉर्मल फिक्स्ड डिपॉजिट और लिंक्ड फिक्स्ड डिपॉजिट दोनो ऑप्शन है फिक्स्ड डिपॉजिट करवाते समय लोगो के मन में कन्फ्यूजन हो जाता है की कौनसी एफडी में निवेश किया जाए।फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित निवेश का तरीका है जिसमे आप अपना पैसा निवेश कर सकते है।फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया गया पैसा डूबने की गुजाइएस बहुत ही कम होती है।
ज्यादातर लोग फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना पसंद करते है फिक्स्ड डिपॉजिट में ग्राहक अपनी जमा पूंजी का निवेश कर सकते है। फिक्स्ड डिपॉजिट पर सेविंग खाते की अपेक्षा ज्यादा ब्याज मिलता है। आज हम आपको नॉर्मल फिक्स्ड डिपॉजिट और लिंक्ड फिक्स्ड डिपॉजिट के बारे में बताने जा रहे है।
नॉर्मल फिक्स्ड डिपॉजिट
नार्मल फिक्स्ड में डिपॉजिट एक निर्धारित समय के लिए निवेश किया जाता है। जिसमे निवेश किया गया पैसा वन टाइम में खाते आ जाता है।नॉर्मल फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया गया पैसा जरूरत पड़ने पर एफडी को मैच्योर करवाना पड़ता है बल्कि लिंक्ड फिक्स्ड की मैच्योर करवाने की जरूरत नही होती।
लिंक्ड फिक्स्ड डिपॉजिट
लिंक्ड फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया गया पैसा आपके सेविंग खाते से लिंक होता है। इसे स्विपिंग एफडी भी कहा जाता है। लिंक्ड एफडी में ग्राहकों
को ऑटो स्वीप इन आउट की सुविधा होती है। यह एफडी अपने सेविंग खाते से लिंक होती है जब भी आप सेविंग खाते से बैलेंस निकलवाना चाहते है तो पैसा निकाला जा सकता है और जब चाहे सेविंग खाते में जमा करवा सकते है। फिर आपका पैसा ऑटोमैटिक फिक्स्ड डिपॉजिट में चला जाता है।लिंक्ड फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा निकालने के लिए एफडी को तुड़वाने की जरूरत नही होती।
एफडी निवेश के लिए अच्छा ऑप्शन है।
लिंक्ड एफडी क्या है
लिंक्ड एफडी आपके सेविंग अकाउंट को एफडी से लिंक करता है। इस स्वीप एफडी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें ग्राहक को ऑटो स्वीप-इन-स्वीप-आउट की सुविधा मिलती है। यहां आप अपने सेविंग अकाउंट से एक फिक्सड राशि को एफडी अकाउंट में जमाकर सकते हैं। एफडी पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट भी ऑटो स्वीप के दिन से शुरू हो जाता है।
लिंक्ड एफडी इस तरह काम करता
लिंक्ड एफडी में आप अपना सेविंग खाते में जमा राशि एफडी में ट्रांसफर बुक करवाने का अवसर मिलता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपने एफडी ओपन की है तो आप लिंक्ड एफडी का लाभ उठा सकते हैं। इसमें आपको एक लिमिट तय करनी है। जैसे ही आपके सेविंग अकाउंट में उस सीमा से ज्यादा राशि आती है वैसे ही बाकी राशि ऑटोमैटिक आपके सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है।
उदाहरण के तौर पर आपने सेविंग अकाउंट की लिमिट 20,000 रखी है औरव आपके अकाउंट में 32,000 रुपये आते हैं तो सेविंग अकाउंट में केवल 20,000 रुपये रहेंगे और बाकी 12,000 रुपये की राशि एफडी में ट्रांसफर हो जाएंगे
देश के कई बैंक अपने ग्राहक को लिंकिंग की सुविधा फ्री में देते हैं। वहीं कई बैंक इसके लिए चार्ज लेते हैं। ऐसे में आपको जरूर चेक करना चाहिए कि आपको कितना शुल्क का भुगतान करना होगा। कई बैंक स्वीप आउट की राशि तय करती है। अगर यह आपकी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है तो आप बाकी ऑप्शन को भी चेक कर सकते हैं। आप जब भी लिंक्ड एफडी का ऑप्शन सेलेक्ट करते हैं तो आपको एक बार उसके नियम व शर्तों को जरूर चेक करना चाहिए।