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2024 में गणगौर पूजा कब है सुहागिन महिलाएं कब रख सकती है व्रत जाने नियम व पूजा विधि

When is Gangaur Puja in 2024? When can married women keep the fast? Know the rules and method of worship.

 
गणगौर पूजा

 इस साल गणगौर 11 अप्रैल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाएगी इस दिन सुहागन महिलाएं व्रत रख सकती है यह व्रत माता पार्वती को समर्पित माना गया है यह त्यौहार मध्य प्रदेश व राजस्थान में अधिक मनाया जाता है इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है और महादेव पार्वती की पूजा करती है कुंवारी लड़कियां भी अपना मन पसंद  वर पाने के लिए यह व्रत रखती है गणगौर पूजा का शुभ समय 11 अप्रैल सुबह 6:29 से लेकर 8:24 तक रहेगा इस समय महिलाएं पूजा कर सकती है
पूजा विधि: गणगौर व्रत के दिन सुबह जल्दी उठे स्नान आदि करके स्वस्थ कपड़े पहने व महिलाएं सोलह सिंगार करें बाद में शिव पार्वती की मिट्टी से मूर्ति बनाएं उन्हें एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर विराजमान करें बाद में भगवान शिव और पार्वती को रोली चंदन अक्षत चढ़ाएं माता पार्वती को सोलह सिंगार की वस्तु में चढ़ाएं बाद में घी का दीपक जलाकर शिव वह
पार्वती की सच्चे मन से पूजा करें और व्रत का संकल्प ले गणगौर माता की आरती करके इन्हें खीर हलवे का भोग लगाएं और बचा हुआ प्रसाद है परिवार के सभी सदस्यों में बांट दे गणगौर का व्रत रखने वाली महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का वरदान मिलता है और सुख समृद्धि आती है

 गणगौर का त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं

गणगौर का त्योहार राजस्थान का एक प्रसिद्ध त्यौहार है सभी महिलाएं भगवान शंकर और माता गौरी की पूजा करते हैं देवी गोरी ही संसार को सुहाग और सौभाग्य का वरदान देती है इसलिए सुहागिन महिलाएं शिव और गौरी की पूजा करती है कुंवारी कन्याएं माता गौरी की पूजा करती है और अच्छे वर की प्राप्ति की कामना करती है हमारे हिंदू शास्त्रों के अनुसार कहा गया है कि शुक्ल पक्ष की तृतीय यानी गोरी तृतीया को माता पार्वती ने सभी महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद दिया था इसीलिए सभी महिलाएं शिव शंकर के साथ मां गौरी की भी पूजा करती है गणगौर की पूजा सबसे पहले मां पार्वती ने की थी मां पार्वती ने भगवान शिव की मिट्टी की मूर्ति बनाकर इनकी पूजा की और शिव के रूप में इन्हे सौभाग्य प्राप्त हुआ तब से यह गणगौर का त्यौहार मनाया जाता है
 गणगौर व्रत का उद्यापन: गणगौर के उद्यापन से पहले 16 सुहागिन महिलाओं को निमंत्रण दें और और घर के किसी भी एक पुरुष को सखियां चुने गणगौर के दिन सोलह सुहागन पिटारी बनाए जिसमें सोलह सिंगार का सामान रखें निमंत्रण दिए गई सुहागिन महिलाओं को घर पर बुलाए वह गीत गाती हुई बाग मैं से जवारे लाए एक तांबे के लोटे में जल भरकर इसमें जवारे वह दूब रखें घर में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके दीवार पर दिनों से 16,16 सिंदूर और काजल के टीके लगवाएं इनके बाद गणगौर की पूजा करें वह कहानी सुने इनके बाद 16 सुहागिनों को भोजन कराए और उन्हें सुहाग की पिटारी दे और घर में सखीये के रूप में चुने हुए पुरुष को भी भोजन कराऐ  और उन्हें एक तौलिया ,नारियल ,व दक्षिणा दे और घर में से भी बड़ों का आशीर्वाद ले और शिव और गोरी से भी अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद ले