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SBI vs HDFC bank: ₹5 लाख की FD में 5 साल में कौन सा बैंक देता है ज्यादा फायदा? समझें कैलकुलेशन

एचडीएफसी एफडी कैलकुलेटर के अनुसार, अगर कोई नियमित ग्राहक 5 लाख रुपये की एफडी करता है, तो उसे मैच्योरिटी पर 7,07,389 रुपये मिलेंगे। यानी ब्याज से होने वाली आय 2,07,389 रुपये होगी।
 
SBI vs HDFC bank
SBI vs HDFC bank:  बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) भारत में सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है। इनमें, जमाकर्ता के पास बाजार जोखिम नहीं होता है और एक निश्चित अवधि के बाद ब्याज के साथ एक निश्चित आय होती है। आइए जानते हैं कि सरकारी और निजी क्षेत्र के दो बड़े बैंकों एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के 5 साल के लिए नियमित और वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये की एफडी पर अधिक लाभ होगा।

एसबीआई एफडी रेट्स 2024 एसबीआई नियमित ग्राहकों को 5 साल की एफडी पर 6.5 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दर 7.50 प्रतिशत है। ये ब्याज दरें 27 दिसंबर 2023 से 2 करोड़ रुपये से कम की जमा राशि पर लागू हैं।

एसबीआई एफडी कैलकुलेटर के अनुसार, अगर कोई नियमित ग्राहक 5 लाख रुपये की एफडी करता है, तो उसे मैच्योरिटी पर 6,90,209 रुपये मिलेंगे। यानी ब्याज से होने वाली आय 1,90,209 रुपये होगी। वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये जमा करने पर मैच्योरिटी पर 7,24,974 रुपये मिलेंगे। इसकी ब्याज से 2,24,974 रुपये की गारंटीड इनकम होगी।

एचडीएफसी बैंक एफडी रेट्स 2024 एचडीएफसी बैंक नियमित ग्राहकों को 5 साल की एफडी पर 7 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दर 7.50 प्रतिशत है। ये ब्याज दरें 9 फरवरी, 2024 से 2 करोड़ रुपये से कम की जमा राशि पर लागू हैं।

एचडीएफसी एफडी कैलकुलेटर के अनुसार, अगर कोई नियमित ग्राहक 5 लाख रुपये की एफडी करता है, तो उसे मैच्योरिटी पर 7,07,389 रुपये मिलेंगे। यानी ब्याज से होने वाली आय 2,07,389 रुपये होगी।

वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये जमा करने पर मैच्योरिटी पर 7,24,974 रुपये मिलेंगे। इसमें ब्याज से 2,24,974 लाख रुपये की गारंटीड इनकम होगी।

टैक्स बेनिफिटः यदि आप किसी भी बैंक में 1.5 लाख रुपये तक की कटौती के साथ 5 साल की FD करते हैं, तो आपको सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है। एक वित्तीय वर्ष में 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर कर कटौती का दावा किया जा सकता है। इसकी लॉक-इन अवधि 5 साल है। इस अवधि को 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

हालांकि, एफडी पर अर्जित ब्याज आयकर अधिनियम के अनुसार कर योग्य है। यदि किसी वित्तीय वर्ष में एफडी/टीडी पर अर्जित ब्याज 40,000 रुपये से अधिक है, तो टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काट लिया जाता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है। यदि किसी व्यक्ति की आय कर योग्य सीमा से कम है, तो उसे फॉर्म 15जी और 15एच भरना होगा और बैंक से एफडी/टीडी पर टीडीएस नहीं काटने का अनुरोध करना होगा।

फॉर्म 15जी उन लोगों के लिए है जिनकी आयु 60 वर्ष से कम है। 60 वर्ष तक के करदाताओं के लिए कर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है। दूसरी ओर, फॉर्म 15एच उन लोगों के लिए है जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है।