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छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिरी ! पीएम मोदी ने दोनों हाथ जोड़कर मांगी जनता से माफी 

सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के गिरने के बाद सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिवाजी महाराज केवल एक नाम नहीं हैं, बल्कि हमारे लिए वे एक धार्मिक प्रतीक हैं। उन्होंने इस घटना के लिए सिर झुका कर माफी मांगी और कहा कि शिवाजी महाराज हमारे आदर्श देवता हैं।
 
PM Modi News

PM Modi News: सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा के गिरने के बाद सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिवाजी महाराज केवल एक नाम नहीं हैं, बल्कि हमारे लिए वे एक धार्मिक प्रतीक हैं। उन्होंने इस घटना के लिए सिर झुका कर माफी मांगी और कहा कि शिवाजी महाराज हमारे आदर्श देवता हैं।

26 अगस्त को शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने से सियासत गर्म हो गई। इस घटना को लेकर कांग्रेस, शिवसेना, और एनसीपी ने बीजेपी की आलोचना की। पीएम मोदी ने पालघर में 76 हजार करोड़ रुपये की वधावन बंदरगाह परियोजना के 
शिलान्यास कार्यक्रम में वीर सावरकर के अपमान का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि वे उन लोगों की पहचान नहीं करते जो वीर सावरकर जैसे देशभक्तों का अपमान करते हैं और फिर भी माफी मांगने को तैयार नहीं होते।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संस्कार अलग हैं। हम महान सपूतों का सम्मान करते हैं और उनका अपमान सहन नहीं कर सकते। उन्होंने सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर माफी मांगी। पीएम मोदी ने पालघर जिले में 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी गई।

विवाद के बाद राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार ने माफी मांगी। सिंधुदुर्ग पुलिस स्टेशन में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई है, जिसमें ठाणे के मूर्तिकार जयदीप आप्टे का नाम शामिल है।

सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना ने सियासी माहौल को गरमा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक माफी इस विवाद को शांत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस घटना के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नई चर्चाओं की शुरुआत हो गई है और इससे जुड़े कई मुद्दे भी उभरकर सामने आए हैं।