PPP: हरियाणा में पीपीपी के अंदर छेड़खानी करने पर महिला समेत 5 पर केस दर्ज, पांच से 10 हजार लेते थे आरोपी
Haryana news:अतिरिक्त उपायुक्त ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) आईडी को अलग करके बीपीएल श्रेणी में शामिल करने वाले 5 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
May 1, 2024, 15:21 IST
Haryana News: अतिरिक्त उपायुक्त ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) आईडी को अलग करके बीपीएल श्रेणी में शामिल करने वाले 5 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एडीसी कार्यालय ने ऐसे लगभग 22 लोगों की पहचान की थी।
पहले चरण में आरती, कैलाश गर्ग, सीएससी संचालक सुरेंद्र सुथार, सुरेंद्र और प्रवेश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि ये लोग 5 से 10 हजार रुपये लेकर परिवार की पहचान पत्र अलग करते थे। इस मामले में आदमपुर, उकलाना, मिलगेट, हांसी, उकलाना के एक गांव के पीपीपी संचालक भी पुलिस के रडार पर हैं।
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में एडीसी नीरज ने कहा कि उनका विभाग परिवार के पहचान पत्र से संबंधित काम करता है और परिवार के पहचान पत्र का सारा डेटा एफआईडीआर में संग्रहीत किया जाता है।
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में एडीसी नीरज ने कहा कि उनका विभाग परिवार के पहचान पत्र से संबंधित काम करता है और परिवार के पहचान पत्र का सारा डेटा एफआईडीआर में संग्रहीत किया जाता है।
विभाग के कर्मचारी ने बताया कि 24 जनवरी, 2024 को डेटा इश्यू पोर्टल और एकल सदस्य सत्यापन पर काम करते हुए दो पारिवारिक पहचान पत्रों में एक मोबाइल नंबर होने का मामला सामने आया है। इसकी जांच करने पर पता चला कि परिवार के पहचान पत्र में आरती सिसोदिया ने बिना कोई दस्तावेज अपलोड किए अपना अलग परिवार का पहचान पत्र बना लिया है। सूचना मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। आरती सिसोदिया को जांच के लिए हिसार एडीसी कार्यालय बुलाया गया।
आरती सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने अपने दोस्त कैलाश गर्ग के माध्यम से बाला जी सीएससी सेंटर के संचालक सुरेंद्र सुथार से आईडी अलग कराई। सुरेंद्र सुथार ने कहा कि उन्होंने लिटानी गांव के सुरेंद्र की मदद से ऐसा किया है। यह कार्य भिवानी के ग्राम ग्रहणपुरा कलां के निवासी द्वारा गाँव प्रवेश के सुरेंद्र लिटानी ने करवाया था। अधिकारी के अनुसार, इस गड़बड़ी की एक श्रृंखला है, जबकि हरियाणा सरकार को परिवार के पहचान पत्र को अलग करने के लिए अपने बिजली बिल की आवश्यकता होती थी। ये गतिविधियाँ समाज को नुकसान पहुँचा रही हैं और विभाग के नाम और विश्वसनीयता को नुकसान पहुँचा रही हैं। इस मामले में एक गंभीर जांच की आवश्यकता है ताकि पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो सके।
आंकड़ों पर एक नजर जिले में पारिवारिक पहचान पत्रः 490241 पीपीपी में नामांकित कुल व्यक्तिः जिले में 1886245 सीएससीः 2519
उकलाना-इससे पहले आदमपुर में उकलाना में एक गिरोह पकड़ा गया था, जो परिवार के पहचान पत्र में बदलाव कर रहा था। तत्कालीन उपायुक्त उत्तम सिंह ने इन 6 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन सभी से सी. एस. सी. का लाइसेंस वापस ले लिया गया। आदमपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है। इसमें दो सीएससी ऑपरेटरों ने एक व्यक्ति के दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करके ओबीसी प्रमाणपत्र जारी किया।
इसके बाद उस व्यक्ति ने अपने माता-पिता को मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाया। उन्होंने ओबीसी श्रेणी में नौकरी के लिए आवेदन किया था। पीपीपी के साथ छेड़छाड़ में शामिल लोगों के खिलाफ अब तक कुल 16 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। इसमें हिसार में 1, भिवानी में 2, रोहतक में 6, पानीपत में 4 और पलवल में 3 एफआईआर दर्ज की गई है। पीपीपी के साथ छेड़छाड़ करने वालों को दस साल तक की जेल हो सकती है।
अधिकारी के अनुसार
मामले में जांच की प्रक्रिया के बाद कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। इसके आधार पर हमने एफआईआर दर्ज करा दी है, जो भी लोग इसमें शामिल होंगे सभी पर कार्रवाई की जाएगी। - नीरज कुमार, एडीसी, हिसार।
आरती सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने अपने दोस्त कैलाश गर्ग के माध्यम से बाला जी सीएससी सेंटर के संचालक सुरेंद्र सुथार से आईडी अलग कराई। सुरेंद्र सुथार ने कहा कि उन्होंने लिटानी गांव के सुरेंद्र की मदद से ऐसा किया है। यह कार्य भिवानी के ग्राम ग्रहणपुरा कलां के निवासी द्वारा गाँव प्रवेश के सुरेंद्र लिटानी ने करवाया था। अधिकारी के अनुसार, इस गड़बड़ी की एक श्रृंखला है, जबकि हरियाणा सरकार को परिवार के पहचान पत्र को अलग करने के लिए अपने बिजली बिल की आवश्यकता होती थी। ये गतिविधियाँ समाज को नुकसान पहुँचा रही हैं और विभाग के नाम और विश्वसनीयता को नुकसान पहुँचा रही हैं। इस मामले में एक गंभीर जांच की आवश्यकता है ताकि पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो सके।
आंकड़ों पर एक नजर जिले में पारिवारिक पहचान पत्रः 490241 पीपीपी में नामांकित कुल व्यक्तिः जिले में 1886245 सीएससीः 2519
उकलाना-इससे पहले आदमपुर में उकलाना में एक गिरोह पकड़ा गया था, जो परिवार के पहचान पत्र में बदलाव कर रहा था। तत्कालीन उपायुक्त उत्तम सिंह ने इन 6 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन सभी से सी. एस. सी. का लाइसेंस वापस ले लिया गया। आदमपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है। इसमें दो सीएससी ऑपरेटरों ने एक व्यक्ति के दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करके ओबीसी प्रमाणपत्र जारी किया।
इसके बाद उस व्यक्ति ने अपने माता-पिता को मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाया। उन्होंने ओबीसी श्रेणी में नौकरी के लिए आवेदन किया था। पीपीपी के साथ छेड़छाड़ में शामिल लोगों के खिलाफ अब तक कुल 16 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। इसमें हिसार में 1, भिवानी में 2, रोहतक में 6, पानीपत में 4 और पलवल में 3 एफआईआर दर्ज की गई है। पीपीपी के साथ छेड़छाड़ करने वालों को दस साल तक की जेल हो सकती है।
अधिकारी के अनुसार
मामले में जांच की प्रक्रिया के बाद कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। इसके आधार पर हमने एफआईआर दर्ज करा दी है, जो भी लोग इसमें शामिल होंगे सभी पर कार्रवाई की जाएगी। - नीरज कुमार, एडीसी, हिसार।